एक स्त्री को कई मोर्चों पर एक साथ काम करना पड़ता है। ऑफिस की जिम्मेदारी संभालने से लेकर घर के सदस्यों की जरूरतों का ख्याल रखना व बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखने का जिम्मा स्त्री पर ही होता है। पूरे घर में एक महिला ही होती है, जो सबसे पहले उठती है और सबसे बाद में सोती है। उसका पूरा दिन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में ही बीत जाता है, लेकिन फिर भी उसे शायद ही कभी उसके काम के लिए कोई सराहना मिलती है।
अक्सर उसके काम में ही कमियां निकाली जाती हैं। जिसके कारण कभी-कभी वह खुद भी आत्म-ग्लानि से भर जाती है। इतना ही नहीं, कभी-कभी जिम्मेदारियों का बोझ कुछ इस हद तक बढ़ जाता है कि वह छोटी-छोटी बातों पर ही बर्नआउट होने लगती है। ऐसे में जरूरी होता है कि आप कुछ तरीकों को अपनाएं और खुद को भावनात्मक रूप से बैलेंस करें। तो चलिए जानते हैं इन तरीकों के बारे में-
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करें वर्कआउट
आमतौर पर, वर्कआउट को केवल फिजिकल बेनिफिट के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके अन्य भी कई फायदे हैं। सबसे पहले तो जब आप फ्रेश एयर में एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे आपका माइंड रिलैक्स होता है, जिससे आप तनाव भी कम होता है। साथ ही, वर्कआउट के दौरान आपकी बॉडी के भीतर हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो आपको कूल डाउन व लाइटर फील करवाते हैं। इस तरह, आप बर्नआउट स्टेज तक ना पहुंचे, इसके लिए नियमित तौर पर सुबह के समय आधा घंटा वर्कआउट करना पर्याप्त है।
सॉल्यूशन पर करें फोकस
आमतौर पर, महिलाओं में बर्नआउट की स्थिति इसलिए भी आती है, क्योंकि वह समाधान के स्थान पर समस्याओं पर अधिक फोकस करती हैं। यकीनन आपको एक साथ कई काम निपटाने होते हैं और आप घर से लेकर बाहर की दुनिया में अपना बेस्ट देना चाहती हैं। लेकिन ऐसे में परेशान होना किसी समस्या का समाधान है। बेहतर होगा कि आप अपनी लाइफ में चीजों को अधिक सिस्टमेटिक तरीके से करें। टाइम टेबल बनाने से लेकर वीकली मेन्यू पहले ही डिसाइड करने से आपको अपनी समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी।
सीखें ना कहना
एक स्त्री को ना कहना भी आना चाहिए। अमूमन एक स्त्री हर किसी को खुश करने में लगी रहती है और इसलिए उसकी खुद की खुशी कहीं बहुत पीछे छूट जाती है। आपको यह समझना चाहिए कि आप असल में कोई सुपरवुमन नहीं है और ना ही आपके पास कोई अतिरिक्त शक्तियां हैं। इसलिए, अगर आपको यह लगता है कि किसी काम को करना आपके बस से बाहर है, तो उसके लिए बेहद ही विनम्रता के साथ मना कर दें। आप चाहें तो अपने काम को आसान बनाने के लिए बच्चों सहित परिवार के सदस्यों की मदद मांग सकती हैं।
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ट्रिगर्स की करें पहचान
अगर आप अक्सर बर्नआउट हो जाती हैं, तो यह केवल अधिक वर्कलोड के कारण नहीं होता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कुछ आदतें या चीजें आपको पसंद नहीं होती हैं और उन चीजों को अपनी आंखों के सामने होने पर आप बर्नआउट हो जाती हैं। इसलिए, पहले उन ट्रिगर्स की पहचान करें। इसके बाद आप सामने वाले व्यक्ति को इस संबंध में बता सकती हैं। साथ ही, आप खुद भी थोड़ा अधिक धैर्य रखने की कोशिश करें। चूंकि, अब आपको अपने ट्रिगर्स के बारे में पता चल चुका है, तो अब आपको उनसे डील करना भी सीखना होगा।
दोस्तों के साथ बिताएं कुछ वक्त
हो सकता है कि घर और बाहर के काम में आप खुद को इस कदर तक उलझी हुई महसूस कर रही हों कि आप बर्नआउट होने की कगार पर हों। ऐसे में कुछ वक्त अपने करीबियों या दोस्तों के साथ बिताएं। यहां इस बात का ध्यान रखें कि आप अपना वक्त सच में उन लोगों को ही दें, जिनके साथ वक्त बिताकर आपको सच में अच्छा लगता हो। ऐसे लोगों का कुछ पल का साथ भी आपको अधिक खुश व सकारात्मक बनाएगा।
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तो अब आप भी अपने भीतर का प्रेशर रिलीज करें और एक हैप्पी लाइफ का खुले दिल से स्वागत करें।
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