वैसे तो पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां और महीने में एक पूर्णिमा तिथि होती है, लेकिन माघ महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा यानी कि माघ पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है। इस साल माघ पूर्णिमा 27 फरवरी, शनिवार के दिन पड़ रही है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष काम करना अत्यंत फलदायी होता है और ये काम करने से घर में सुख समृद्धि के साथ धन -धान्य भी आता है।
जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी के अनुसार माघ मास ज्योतिष में भी बड़ा महत्व कहा गया है, ऐसी मान्यता है कि इस मास में स्नान जप तप और दान करने से व्यक्ति को पुण्य लाभ मिलता है साथ ही व्यक्ति भौतिक रूप से भी सारे सुखों को भोगता है। यह पूरा मास इह लोक और परलोक दोनों में ही अनंत सुख को देने वाला कहां गया है, इस मास में तीर्थ स्थान व्रत का महत्व है। खासतौर पर पूर्णिमा तिथि को विशेष काम करने चाहिए। आइए जानें कौन से हैं वो काम।
पवित्र नदी में स्नान
कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन संगम में स्नान करना भी अत्यंत फलदायी होता है। इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।
पूजा-पाठ है जरूरी
मान्यतानुसार माघ पूर्णिमा के दिन शुद्ध भाव से पूजा -पाठ का विशेष महत्त्व है। इस दिन से पूजा करने से और व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मुख्य रूप से पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान् का पूजन पूरे श्रद्धा भाव से करने से घर के सभी क्लेश दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सर्वप्रथम स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करके पूजन करना विशेष फलदायी है।
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तिल का दान है शुभ
माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान तिल चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को तिल चढ़ाने और तिल का दान देने से कई पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तिल के अलावा अन्य चीज़ों का दान भी विशेष फलदायी होता है। माघ पूर्णिमा तिथि के दिन दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन अपनी सामर्थ्य के हिसाब से गरीबों को दान जरूर देना चाहिए। कहते हैं कि माघ पूर्णिमा में अन्न, वस्त्र या धन के दान से घर में सुख-शांति बनी रहती है। यही नहीं सामर्थ्य अनुसार किया गया दान, घर को धन और धान्य से परिपूर्ण कर देता है।
सत्यनारायण की कथा
कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन मुख्य रूप से विष्णु भगवान् का पूजन किया जाता है। इसलिए खासतौर पर माघ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ या कथा सुनना अत्यंत लाभकारी है। इस दिन यदि आप किसी पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा नहीं कर पा रहे हैं तब भी परिवार के साथ मिलकर सत्यनारायण भगवान् की कथा का पाठ करें और शुद्ध मन से प्रसाद बनाकर सभी को वितरित करें।
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गीता जैसी पवित्र पुस्तक का पाठ
माघ पूर्णिमा में गीता और रामायण जैसी पवित्र और धार्मिक पुस्तकों का पाठ करना उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। यदि आपके पास समय की कमी है तब भी गीता और रामायण के कुछ श्लोकों का पाठ जरूर करें। निश्चित रूप से पुण्य की प्राप्ति होगी।
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चन्द्रमा को अर्ध्य दें
माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी सम्पूर्ण कलाओं से लिप्त होता है। यदि घर में पति -पत्नी के बीच झगड़े होते हैं तो माघ पूर्णिमा के दिन पति -पत्नी साथ में मिलकर चन्द्रमा के दर्शन करके अर्ध्य दें। ऐसा करने से घर के झगड़े कम हो जाते हैं।
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