
क्या कभी आपने सोचा है कि महिलाओं के पेट में कोई बात क्यों नहीं पचती है? साइंस इसके लिए हार्मोन्स को जिम्मेदार मानती है और धार्मिक रूप से देखें तो इसके पीछे पांडवों की माता कुंती को जिम्मेदार माना जाता है। पर क्या वाकई इसके पीछे ऐसा ही कारण है? गॉसिप करने में तो पुरुष भी पीछे नहीं रहते, लेकिन हां कहीं ना कहीं हाइलाइट महिलाएं ज्यादा हो जाती हैं। सीक्रेट कीपिंग में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा बदनाम हैं, लेकिन इस बात का कोई साइंटिफिक प्रूफ है क्या?
चलिए आज हम आपके साथ मिलकर इन्हं सवालों को ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम कुछ साइंटिफिक फैक्ट्स की बात करेंगे, माइथोलॉजी से जुड़ी बहुत ही चर्चित कहानी का भी जिक्र करेंगे।
संग्राम की कथा महाभारत के बारे में तो आपने सुना ही होगा। उससे जुड़ी तमाम कहानियां हैं जिनका संबंध आज की जिंदगी से लगाया जा सकता है। ऐसी ही एक कहानी है युधिष्ठिर और कुंती की। महाभारत का युद्ध जब खत्म हुआ तब पांडवों को अपने सबसे बड़े भाई कर्ण को मारने का दुख था।

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पांडवों पर भाई की हत्या का पाप भी लगा था। इस युद्ध में कई तरह के छल किए गए थे, लेकिन युधिष्ठिर को अपनी मां से ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी। हालांकि, कुंती ने कर्ण की मृत्यु तक यह छुपाकर रखा था कि कर्ण उनका बेटा है।
इस बात से परेशान होकर युधिष्ठिर ने अपनी मां से कहा था कि उनकी वजह से आज पांडवों ने अपने भाई की हत्या की है। अगर वो पहले इस राज को बता देतीं, तो शायद ऐसा नहीं होता। इसपर युधिष्ठिर ने अपनी मां को ही श्राप दिया था कि आज के बाद पूरी नारी जाति अपने दिल में कोई बात नहीं रख पाएगी। तब से ही यह माना जाने लगा कि महिलाओं के पेट में कोई बात नहीं पचती है।
जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल सोशल साइकोलॉजी में रिसर्चर्स ने एक पेपर पब्लिश किया था। उस पेपर में यह बताया गया है कि महिलाएं किस तरह से नियमित तौर पर अपने पास आई जानकारी को दूसरों तक पहुंचाती हैं।

इस पेपर के मुताबिक महिलाएं गॉसिप को एक स्ट्रैटजी की तरह इस्तेमाल करती हैं। यह किसी की इमेज खराब करने के लिए इस्तेमाल हो सकती है, अपना काम निकलवाने के लिए इस्तेमाल हो सकता है, अपने गुस्से को शांत करने का एक मैकेनिज्म हो सकता है। इस रिसर्च में पांच अलग-अलग स्टडीज की बात की गई थी जो यह बताती है कि आखिर क्यों एक महिला किसी और की इमेज को खराब करने की कोशिश करती हैं।
इसका एक कारण बॉन्डिंग भी हो सकती है। स्टडी बताती है कि गॉसिप का आइडिया दो महिलाओं को और करीब लाता है और एक अनोखा बॉन्ड डेवलप करता है। दो लोग मिलकर अगर किसी तीसरे के बारे में गॉसिप कर रहे हैं, तो शायद इससे ज्यादा बेहतर बॉन्डिंग किसी तरह से नहीं हो सकती है।
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कई बार गॉसिप करने का मुख्य कारण दिल को हल्का करना हो सकता है। कई बार गॉसिप करने से दिमाग में डोपामाइन जैसे हार्मोन के रिलीज होने का अनुभव होता है। अपने दिल की बातें शेयर करना बहुत ही अच्छा लगता है।

ऐसा कहना गलत होगा कि जब महिलाएं हार्मोनल होती हैं तभी वो ज्यादा गॉसिप करती हैं। गॉसिप की फीलिंग कभी भी आ सकती है। (गॉसिप करने वालों से ऐसे पाएं छुटकारा)
हालांकि, सिर्फ महिलाएं ही गॉसिप करती हैं यह भी गलत है। साइंस भी मानती है कि पुरुष भी उतना ही गॉसिप कर सकते हैं। कुछ स्टडीज मानती हैं कि पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा गॉसिप कर सकते हैं।
जिस तरह का असर गॉसिप करने के बाद लड़कियों के साथ होता है, वैसा ही असर लड़कों के साथ भी होता है।
आपको क्या लगता है? पुरुष ज्यादा गॉसिप करते हैं या महिलाएं? अपने सुझाव हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Masterfile/ Freepik/ Anupama tv serial
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