जब बच्चा छोटा होता है तो वह टॉयलेट को सही तरह से इस्तेमाल करना नहीं जानता है और इसलिए पैरेंट्स अक्सर डायपर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे जब बच्चा बड़ा होता है तो उसमें कई बदलाव नजर आते हैं। इसी क्रम में, बच्चा आपको कुछ ऐसे संकेत भी देता है, जिसे देखकर व समझकर आप यह आसानी से जान सकती हैं कि आपका बच्चा अब पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार हो चुका है।
एक बच्चे के माता-पिता होने के नाते आप उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे जब आपका बच्चा शौचालय का उपयोग करना सीखेगा। हालांकि, अधिकतर पैरेंट्स यह समझ ही नहीं पाते हैं कि कब उन्हें बच्चे को डायपर लगाने बंद कर देने चाहिए और उसे पॉटी ट्रेनिंग देनी चाहिए। आमतौर पर, जब बच्चा 15 से 18 माह के बीच का होता है, तब उसमें कुछ बदलाव नजर आते है। इन संकेतों पर पैरेंट्स को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो यह बताते हैं कि अब आपको अपने बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देनी चाहिए-
लंबे समय तक गीला ना करना
यदि आपका बच्चा दिन में कम से कम दो घंटे तक सूखा रहता है, तो यह इस बात का संकेत है कि अब वह अपने मूत्राशय पर नियंत्रण करना सीख रहा है। जिसका अर्थ यह भी है कि वह अब पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार है। ऐसे में आपको उसे कम से कम दोपहर के समय डायपर लगाना बंद कर देना चाहिए और उसे पॉटी ट्रेनिंग देने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए।
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डायपर का सूखा होना
यह एक महत्वपूर्ण संकेत है, जिसे किसी भी पैरेंट को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आप यह देखती हैं कि आपके बच्चे का डायपर सुबह या दोपहर में नैपिंग लेने के बाद सूखा है, तो इसका मतलब है कि आपका बच्चा बार-बार पेशाब करने के बजाय एक बार पेशाब कर सकता है। यह बताता है कि बच्चा मूत्राशय को नियंत्रित कर रहा है। यही बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देने का सबसे अच्छा वक्त माना जाता है।(जानिए कौन सा डायपर है बेबी के लिए बेस्ट)
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हावभाव में बदलाव
जब बच्चा बड़ा होता है तो उसके हाव-भाव भी काफी हद तक बदलते हैं। हो सकता है कि डायपर में पेशाब करने या पॉटी करने के बाद वह बुरी तरह बेचैन हो जाए। वह उसे उतारने के लिए रोने लगे या फिर वह स्क्वाट पोजीशन में बैठे। यही वह समय है जब आप उसे शौचालय में ले जा सकते हैं और उसे इसका उपयोग करने का प्रशिक्षण देना शुरू कर सकते हैं।
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डायपर उतारने की कोशिश करना
जब बच्चे पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार हो जाते हैं तो वह अक्सर डायपर लगाने में आनाकानी करते हैं या फिर वह उसमें सहज महसूस नहीं करते हैं। इतना ही नहीं, वह स्वाभाविक रूप से गंदे डायपर को उतारने की कोशिश करते है। यदि डायपर मल से भरा हुआ है और बच्चा उसे लगातार उतारने के प्रयास कर रहा है तो इसका अर्थ है कि वह समझ गया है कि गंदे डायपर आरामदायक नहीं हैं। इस स्थिति में आप उसे पॉट का इसतेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।(बच्चों का डायपर लीक होने से कैसे बचाने के हैक्स)
तो अब अगर आपको भी बच्चे में यह संकेत नजर आएं तो डायपर को बाय-बाय कहकर बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देनी शुरू कर देनी चाहिए। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik, pixabay
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