आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने के लिए भारत सरकार ने एक अलग कोटा निर्धारित किया हुआ है जिसे हम ईडब्ल्यूएस कोटा के नाम से जानते हैं। इसी कोटे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
EWS कोटा पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की पीठ बैठी थी जिसने सुनवाई के दौरान साफ कर दिया है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण भारत के संविधान की आवश्यक विशेषताओं का उल्लंघन नहीं करता है।
बता दें कि न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। वहीं मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट ने इससे असहमति जताई थी। 1973 में यह कोटा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय किया गया था।
इस फैसले के बाद यह साफ हो जाता है कि ईडब्ल्यूएस कोटा के अंदर आने वाले लोगों को 10 परसेंट रिजर्वेशन दिया जाएगा। चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि इस फैसले से लोगों और खासतौर पर महिलाओं को क्या लाभ मिलने वाला है।
क्यों जरूरी है ईडब्ल्यूएस कोटा
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा बहुत जरूरी है। इस कोटे के तहत भारत का हर वो परिवार आता है जिसके सालाना कमाई 8 लाख रुपये से कम है। वहीं एससी, एसटी और ओबीसी कैटेगरी में आने वाले लोग ईडब्लूएस कोटा का लाभ नहीं ले सकते हैं। कमजोर लोगों की जरूरत पूरी करने और समाज में बराबरी लाने के लिए ईडब्लूएस कोटा को बहुत जरूरी है।
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महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है यह कोटा
यूं को ईडब्लूएस कोटा हर उस इंसान के लिए जरूरी है जो इस कोटे में आता है, लेकिन महिलाओं के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा अलग मायने रखता है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में वकील वसुंधरा ठाकुर बताती हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिए यह कोटा अपनी अलग भूमिका रखता है।
तमाम स्कूल और विश्वविद्यालयों में ईडब्लूएस कोटा मौजूद है जिसके तहत कमजोर वर्ग से आने वाली लड़कियां भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं। शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के पहलू से भी ईडब्लूएस कोटा बहुत महत्वूपर्ण माना जाता है।
Divorced महिलाओं को भी करेगा मदद
ईडब्लूएस कोटा उन महिलाओं की भी मदद करेगा जो अपने पति से तलाक ले चुकी हैं। वसुंधरा ठाकुर इस विषय को एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करती हैं। वो बताती हैं कि मान लें कि एक महिला ने सशक्त परिवार में शादी की जहां उसे आर्थिक रूप से किसी भी तरह की परेशानी नहीं है। पर यही महिला जब अपने पति से तलाक ले लेती है तो उसकी सालाना कमाई 8 लाख से कम हो जाती है। ऐसे में उसके और उसके परिवार के लिए ईडब्लूएस कोटा बहुत जरूरी हो जाता है।
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कहां लागू होता है ईडब्ल्यूएस कोटा
- सरकारी नौकरी
- स्कूल
- उच्चतर शिक्षा
- राशन कार्ड
- इलाज
- आदि
सुप्रीम कोर्ट का आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए लिया गया फैसला सराहनीय है। आपका इस विषय और आर्टिकल के बारे में क्या कहना है? यह हमें इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा।
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