International Women's Day के खास मौके पर हम Boss Lady सीरिज़ से जरिए उन महिलाओं को सेलिब्रेट कर रहे हैं जिन्होंने सोसइटी में ना सिर्फ अपनी खास पहचान बनायी है बल्कि वो कई महिलाओं के लिए एक मिसाल भी बनी हैं। वर्किंग वुमेन बनना एक चैलेंज से कम नहीं है ऐसे में एक महिला के लिए बॉस बनना और भी चैलेंजिंग है। एक महिला जब बॉस बनती है तो उसकी जर्नी कैसी होती है और उसके साथ काम करने वाले लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं, क्या कहते हैं आज हम आपको ये बताने के लिए रिचा सिंह से मिलवा रहे हैं।
रिचा सिंह एक सेनेटरी नेपकिन ब्रांड NIINE की CEO हैं। सीईओ क्या होती हैं ये हर वर्किंग वुमेन तो खासकर जरूर समझ सकती है। एक कंपनी के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े हर फैसले को लेना और उसे कामयाब बनाना ये काम एक सीईओ का होता है। एक कंपनी की कामयाबी CEO की समझदारी पर काफी हद तक निर्भर करती है। पिछले 20 सालों से कॉरपोरेट वर्ल्ड में काम कर रही रिचा सिंह जब सेनेटरी ब्रांड की सीईओ बनीं तो उनके सामने ना सिर्फ कंपनी का बिज़नेस बढ़ाने का चैलेंज था बल्कि सेनेटरी पैड और पीरियड्स को taboos को तोड़कर सोसाइटी की हर महिला को इसके बारे में जागरुक करने का भी चैलेंज था।
HerZindagi हर महिला के लिए है। हम आपको पीरियड्स से जुड़ी हर समस्या के बारे में अकसर अपने वेलनेस सेक्शन में बताते हैं उसके बारे में बात करते हैं। पीरियड्स के बारे में बात करने की बेहद जरुरत है। इसे छिपाने की कोई जरुरत नहीं है।
सेनेटरी नेपकिन ब्रांड Niine की सीईओ रिचा सिंह ना सिर्फ एक बॉस हैं बल्कि एक मां भी हैं। उनके दो ट्वीन्स बच्चे हैं। काम के साथ-साथ अपने घर और बच्चों को वो बाखूबी संभालती हैं। इस वीडियो में रिचा सिंह बता रही हैं कि उन्होंने इस ब्रांड को कैसे आगे बढ़ाया और एक सेनेटरी नेपकिन से जुड़े taboos को तोड़कर सोसाइटी में महिलाओं को इसके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना भी उनके लिए कितना मुश्किल रहा।