कोलकाता रेप और मर्डर केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर सोचने को मजबूर कर दिया है। महिला सुरक्षा का मुद्दा ऐसा है जिस पर सरकार, सिस्टम के साथ-साथ आपको भी जागरूक होने की जरूरत है।
अगर आप कामकाजी हैं और देर रात ऑफिस या किसी मीटिंग से लौटती हैं, तो आपको और भी ज्यादा सचेत होने की जरूरत है। ऐसे में तकनीक हमारी काफी मदद कर सकती है। आज के समय में कई ऐप्स और टूल्स मौजूद हैं जो इमरजेंसी की सिचुएशन में मददगार साबित हो सकती हैं। यहां हम उन ऐप्स के बारे में बात करने जा रहे हैं जो हर महिला को अपने फोन में हमेशा रखना चाहिए।
फोन में जरूर रखें ये ऐप्स
- Nirbhaya: Be Fearless- यह ऐप साल 2012 की घटना के बाद लॉन्च हुआ था। इस ऐप में कई तरह के फीचर्स हैं, जिसमें से एक ‘जियो फेन्स’ है। इस फीचर में आप अपने आने-जाने के रेगुलर एरिया को मार्क कर सकते हैं। और अगर आप कभी इससे बाहर जाती हैं, तो सिलेक्टेड ग्रुप में मैसेज चला जाएगा। निर्भया ऐप में शेक टू अलर्ट का भी फीचर है। इसमें अगर फोन लॉक भी रहेगा, तब भी इसे तेजी से हिलाने पर चुनिंदा नंबरों पर अलर्ट का मैसेज चला जाता है।
- Raksha: Women Safety Alert- इस ऐप को पुराने वर्जन वाले एंड्रॉयड फोन में भी डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप की खासियत है कि फोन बंद हो जाने या किसी तरह डिसेबल होने पर लास्ट लोकेशन की डिटेल्स आपके विश्वासी कॉन्टेक्ट्स को शेयर हो जाती है।
- Woman Safety Shield Protection- इस ऐप में आप अपनी सेफ्टी के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रख सकते हैं। इस ऐप की खासियत है कि इसमें फोटो खींचने का भी एक फीचर है। इस फीचर में आप जैसे ही फोटो खींचेंगे वह आपके रजिस्टर्ड ईमेल लिस्ट पर लोकेशन के साथ मेल हो जाती है। ऐप में वॉक विद मी का भी एक फीचर है, जिसमें जीपीएस ऑन करके रखने पर आप जहां भी जाएंगे, आपकी लाइव लोकेशन रजिस्टर्ड नंबरों पर शेयर हो जाएगी। जीपीएस लाइव लोकेशन के लिए कई ऐप्स मौजूद हैं।
- 112 India- यह एक ऑल इन वन वीमेन सिक्योरिटी ऐप है। इसमें केवल एक टैप से SOS वॉर्निंग भेजी जा सकती है। इस ऐप की मदद से इमरजेंसी सिचुएशन में रजिस्टर्ड नंबर को कॉल किया जा सकता है।

- My Safetypin- इस ऐप की मदद से इमरजेंसी सिचुएशन में रजिस्टर्ड नंबर पर कॉल किया जा सकता है। साथ ही, लोकेशन शेयर करने की सुविधा भी देता है।
- Noonlight- इस ऐप में अलार्म बटन का फीचर मिलता है, जिसे प्रेस करते ही आपके रजिस्टर्ड नंबरों पर नोटिफिकेशन चला जाता है।
- Himmat Plus- यह ऐप महिलाओं को इमरजेंसी की सिचुएशन में मदद दिलाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ऐप दिल्ली पुलिस ने शुरू किया है।
- Safetypin- यह ऐप पब्लिक प्लेस की सुरक्षा के बारे में जानकारी देता है। अगर आप किसी जगह की सेफ्टी रेटिंग देखना चाहते हैं, तो यह ऐप मुहैया कराता है। साथ ही, यह आपको सुरक्षित रास्ता चुनने में भी मदद करता है।
- PinkShakti- इस ऐप को यूपी पुलिस ने महिलाओं को इमरजेंसी सिचुएशन में मदद दिलाने के लिए डिजाइन किया है। इस ऐप को महिला सुरक्षा के साथ-साथ जागरूकता और सशक्तिकरण के लिए बनाया गया है।
- BSafe- इस ऐप की मदद से इमरजेंसी सिचुएशन में यूजर परिवार के सदस्यों और दोस्तों को सूचित कर सकता है। इस ऐप को साल 2015 में लॉन्च किया गया था।

हेल्पलाइन भी कर सकती हैं मदद
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए पहली हेल्पलाइन डायल 112 है। इमरजेंसी की स्थिति में इस हेल्पलाइन पर कॉल करते ही पुलिस मदद के लिए पहुंच जाती है।
- राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन- 1091 एक 24x7 हेल्पलाइन है, जिस पर किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन में फंसने पर फोन किया जा सकता है। यह ऐप पुलिस और कानूनी सहायता जैसी सुविधाओं से भी जोड़ता है।
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Image Credit: Freepik
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