बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं और आप उन्हें जैसा आकार देते हैं, वे वैसे ही बनते चले जाते हैं। शायद यही कारण है कि जब कोई बच्चा अपने माता-पिता का अनादर करता है, तो सबसे पहले पैरेंट्स इसका दोष खुद को ही देते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे का पालन-पोषण करते समय उनसे कहीं ना कहीं कोई गलती हो गई है। जिसके कारण वे आत्म-ग्लानि से भर जाते हैं। इतना ही नहीं, बच्चे के इस व्यवहार से उन्हें काफी दुख भी होता है।
हो सकता है कि आपसे कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां हो गई हों, जिसे बच्चे का व्यवहार बदलने लगा हो। लेकिन बच्चे का पैरेंट्स को अनादर करने के पीछे अन्य भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। दरअसल, जब बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है, तो उसका दायरा बढ़ने लगता है। पैरेंट्स के साथ-साथ दोस्त व बाहरी दुनिया भी उनकी जिन्दगी में मायने रखने लग जाती है और कभी-कभी इसका असर उसके व्यवहार पर भी नजर आने लगता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बता रहे हैं, जिसके चलते बच्चा पैरेंट्स को डिसरिस्पेक्ट करना शुरू कर देता है-
झूठे प्रॉमिस करना
कई बार बच्चे अगर किसी चीज को लेकर जिद करते हैं, तो ऐसे में उन्हें शांत करने के लिए अक्सर पैरेंट्स उनसे झूठे प्रॉमिस कर देते हैं। वह उन्हें समझाने के स्थान पर झूठा वादा करना अधिक उचित समझते हैं। लेकिन यहां आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि भले ही आप उस वादे को भूल जाएं, लेकिन बच्चे यह नहीं भूलते कि आपने उनसे क्या वादा किया गया है। ऐसे में झूठे प्रॉमिस के कारण बच्चे अपने माता-पिता पर अविश्वास करते हैं और उनका अनादर करने लग जाते हैं।
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बच्चों के साथ ओवरफ्रेंडली होना
आज के समय में पैरेंट्स को बच्चों का दोस्त बनने की सलाह दी जाती है और अधिकतर पैरेंट्स बच्चो का दोस्त बनने की कोशिश भी करते हैं। दरअसल, पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे खुल कर अपने जीवन में और अपने दिमाग में चल रही हर बात को उनके शेयर करें। लेकिन इससे अक्सर थोड़ी सी गलतफहमी हो जाती है और बच्चे माता-पिता को हल्के में लेते हैं जिससे उन्हें स्वभाव में अनादर झलकने लगता है। बच्चों से दोस्ती करना अच्छी बात है लेकिन माता-पिता को पता होना चाहिए कि रेखा कहां खींचनी है। (सेंसिटिव बच्चे का कैसे रखें ध्यान)
बच्चे की हर डिमांड को पूरा करना
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा पैरेंट होगा, जो अपने बच्चे की इच्छाओं को पूरा ना करना चाहता हो। इसलिए, अधिकतर पैरेंट्स अपने बच्चों को वह सब कुछ देते हैं, जिसे पाने की बच्चे की इच्छा है। जब बच्चे जो चाहते हैं उसे पाने के आदी हो जाते हैं, तो वे अपने जीवन में किसी भी चीज़ के साथ समझौता करना नहीं सीखते हैं। जब ऐसा होता है, तो वे अपने माता-पिता के लिए सम्मान खो देते हैं। इतना ही नहीं, अगर उनकी इच्छापूर्ति नहीं होती है, तो वह पैरेंट्स का अनादर करना शुरू कर देते हैं।
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मूड स्विंग होना
जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उनके अंदर और बाहर भी कई बदलाव होते हैं। ऐसे में कभी-कभी वह खुद ही अपने इमोशन को नहीं समझ पाते हैं और कुछ बातों पर एकदम से गुस्सा हो जाते हैं या फिर पैरेंट्स का अनादर कर बैठते हैं। लेकिन शायद उनका मतलब वह ना हो। इसलिए, किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले आप उनकी मनः स्थिति को समझने का प्रयास करें। (बच्चों का दुर्व्यवहार ऐसे रोकें)
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ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए
कुछ बच्चे अपने पैरेंट्स का विशेष ध्यान चाहते हैं। लेकिन जब उन्हें पर्याप्त अटेंशन नहीं मिलती है, तो वह कभी-कभी अपने माता-पिता का अनादर करते हैं क्योंकि उस पर आप तुरंत रिएक्ट करते हैं। ऐसे में उन्हें अनादर करना एक ऐसा तरीका नजर आता है, जब वह आपका ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं। जिसके कारण अंततः उनका व्यवहार बदलने लगता है।
तो अब अगर आप बच्चे के व्यवहार को बदलते हुए देखें तो गुस्सा या उदास होने के स्थान उसके कारणों पर ध्यान देने का प्रयास करें।
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Image Credit- freepik
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