भारत में ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने छोटे पौमाने से अपने व्यापार को शुरू किया और आज एक सफल बिजनेस वीमेन के तौर पर जानी जाती हैं। इन्हीं में से एक हैं उत्तराखंड की शशि बहुगुणा रतूड़ी। शशि ने न सिफ अपने बिजनेस को पहाड़ी इलाकों में बढ़ाया है बल्कि मेट्रोपोलिटन सिटीज में भी आज उनका व्यापार फलफूल रहा है। चलिए जानते हैं शशि रतूड़ी और उनके बिजनेस के बारे में।
- नमक के बिना खाना अधूरा होता है। शायद इसलिए नमक को खाने का राजा माना जाता है। जहां एक ओर शहरों में बड़ी-बड़ी कम्पनीज के नमक खाने का प्रचलन है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक नमक के स्वाद को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं शशि रतूड़ी।

- शशि रतूड़ी ने उत्तराखंड की कुछ के साथ मिलकर पहाड़ों के 'पिस्यु लूण' नमक को देशभर के लोगों तक ले जा रही हैं। शशि की कोशिश है कि पहाड़ी संस्कृति को सहेजकर आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाया जाए और खुद को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
- शशि टिहरी-गढ़वाल इलाके की रहने वाली हैं। 57 साल की शशि बहुत छोटी उम्र से ही सोशल कामों में जुट गई थीं। शशि ने अपने मौसा जी के साथ एक सामाजिक संगठन से जुड़कर कई गंभीर मुद्दों जैसे कि पर्यावरण, नारी-सशक्तिकरणआदि पर काम किया।
- शशि ने साल 1982 में महिला नवजागरण समिति की शुरुआत की थी। इस समिति के ज़रिए उन्होंने अलग-अलग मुहीम चलाई। खास तौर पर पहाड़ों की संस्कृति और कलाओं को सहेज कर रखना उन्क्य मुख्य उद्देश्य था। इसके अलावा, उन्होंने कई ग्रामीणों को रोजगार भी दिलाया।
- शशि ने कई तरह की नई पहल की, उन्हीं में से एक है 'नमकवाली'। नमकवाली लगभग 10 से 12 महिलाओं का समूह है। जो पहाड़ पर प्राकृतिक रूप से बनते नमक को तैयार करती आ रही हैं। जिसे पहाड़ी भाषा में पिस्यु लूण कहते हैं। आज शशि इस बिजनेस में बहुत नाम कमा चुकी हैं।

- नाम और शौहरत के साथ-साथ उन्होंने लोगों का भरोसा भी कमाया है। शशि ऑनलाइन मार्केटिंग और कूरियर के जरिये पहाड़ी नमक का स्वाद देश के अलग-अलग शहरों तक पहुंचाती हैं। 'नमकवाली' के नमक को तैयार करने में अलग-अलग तरह की लगभग 10 चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।
- इस नमक को सिलबट्टे पर पीसकर ही तैयार किया जा सकता है। इस नामक को आर्डर के अनुसार बनाया जाता है और फिर 50 ग्राम, 100 ग्राम, 200 ग्राम के पैकेट्स में पैक कर लोगों तक पहुंचाया जाता है। इस नमक की पैकेजिंग, कूरियर और मार्केटिंग की जिम्मेदारी महिला नवजागरण समिति की है।
- 'नमकवाली' का नमक उत्तराखंड के अलावा, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और अन्य मेट्रो शहरों भेजा जाता है। शशि के अनुसार, लोग 100 ग्राम से लेकर 10 किलो तक का नमक आर्डर करते हैं और हर महीने वो लगभग 35 किलोग्राम नमक की बिकरी होती है।

- बता दें कि, सामान्य पिस्युं लूण के अलावा, स्पेशल आर्डर पर फ्लेवर्ड पिस्युं लूण भी तैयार किया जाता है जैसे लहसुन वाला नमक, अदरक वाला नमक, भांग वाला नमक आदि। बता दें कि अब तो बिजनेस के सरपट दौड़ने से शशि और उनके साथ की सभी महिलाएं पहाड़ के अन्य मसालों को भी बना रही हैं।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Instagram, Facebook