By Reeta Choudhary16 Oct 2019, 18:59 IST
हम अपने भाग्य के स्वामी हैं, हम अपने जीवन की रानियां हैं और हम कहानियों की नायिकाएं हैं, लेकिन अक्सर महिलाएं इस बात को भूल जाती हैं। अपनी उपलब्धियों के बावजूद, हम खुद पर संदेह करते हैं। हम इसका श्रेय देते हैं भाग्य को देते है ना की कैलिबर को। हम में से बहुत सारी महिलाएं अपने जीवन में किसी ना किसी के साथ एक पत्नी, एक मां या एक बेटी के रूप में बिताते हैं। यह प्रेरणादायक कविता आपके मन में इन सवालों को उभार देगी। यह आपको प्रेरणा देगी ताकि आप रूढ़ियों को चुनौती दे सकें। बेस्ट सेलिंग लेखक और बिजनेस लीडर अपूर्वा पुरोहित के माध्यम से यह कविता आप से सच्ची नायिका बनने का आग्रह करती है।