'अरे आज कल के बच्चे बहुत तेज हो गए हैं... आजकल के बच्चों को कुछ सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती.... आजकल के बच्चों को मार नहीं पड़ती इसलिए वो ऐसे हो गए हैं...' वगैराह-वगैराह। ऐसी ना जानें कितनी बातें आजकल चर्चा में रहती हैं। यकीनन आजकल के बच्चे काफी तेज हो गए हैं, लेकिन बच्चे का तेज होना और उसका बिगड़ जाना दो अलग-अलग चीजें होती हैं। एक तरह से देखा जाए तो बच्चों को बहुत ज्यादा लाड़-प्यार कर बिगाड़ने का इल्जाम हमेशा मां पर लगाया जाता है, लेकिन क्या ये सही है?
कई बार माता-पिता दोनों ही अपने बच्चों को बिगाड़ने के जिम्मेदार होते हैं। पर कई बार उन्हें खुद ये समझ नहीं आता कि उनका बच्चा बिगड़ भी रहा है। बच्चों को प्यार करना एक बात है और उन्हें जरूरत से ज्यादा बिगाड़ना अलग बात है। अगर बच्चे में ये लक्षण दिखने लगे हैं तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि प्यार को बैलेंस करने की जरूरत है।
1. हर बात पर जिद करना
कहीं बाहर जाने पर बच्चा एकदम रोना, किसी चीज को खरीदने के लिए अड़ जाना, अगर बच्चे के मन की बात पूरी ना हुई तो वो टैंट्रम करें या फिर वो चिल्लाएं और रोना धोना मचा दें तब आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चा जिद्दी हो गया है। (जिद्दी बच्चों को ऐसे ठीक करें)
बच्चो को ना सुनने की आदत होनी चाहिए। हर चीज मान ली जाए तो ये आदत नहीं बन पाती है। इससे बच्चों को आगे चलकर समस्या भी होती है क्योंकि असल जिंदगी में आपकी हर बात पूरी ही हो जाए ये जरूरी नहीं है।
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2. दूसरों की चीजें देखकर अपनी चीजों को छोटा समझना
हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे बेस्ट चीजें देने की कोशिश करते हैं। पर आपका बच्चा एक चीज मिलने के बाद भी किसी और चीज के बारे में चिंता करता है। उसके पास जो चीज है उससे खुशी नहीं मिल रही है।
बच्चों की जिद करने की थोड़ी बहुत आदत तो होती है, लेकिन अगर अपनी चीजों को लेकर बिल्कुल संतुष्टी ना मिले तो ये सही नहीं है।
3. आपको उल्टा जवाब देना और कहा ना मानना
माता-पिता की बातें सुनने की आदत बच्चों को होनी चाहिए। बच्चा अगर आपकी बातें नहीं सुन रहा है और सिर्फ अपनी मर्जी चला रहा है तो अच्छा नहीं है। छोटी से छोटी चीज में इसे देखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने बच्चे को आइसक्रीम खाने से मना किया है फिर भी वो चोरी छिपे जाकर वो खा ले तो ये गलत है। (जानिए कितनी तरह के होते हैं पेरेंट्स)
आप बच्चे को कुछ हद तक बातों को मानना सिखाएं। अगर आपको अपनी बात मनवाने के लिए बच्चे को लालच देना पड़ रहा है या फिर जबरदस्ती करनी पड़ रही है तो ये तरीका सही नहीं है।
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4. दूसरों की फीलिंग्स की कद्र ना करना
बच्चे काफी इंप्रेशनेबल होते हैं और आपकी छोटी-छोटी चीजों को समझ जाते हैं। पर अगर आप उन्हें दूसरों की फीलिंग्स की कद्र करना नहीं सिखाएंगे तो ये सही नहीं होगा। आपके बच्चे को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उसकी वजह से किसी और को तकलीफ हो रही है या नहीं तो ये गलत है।
बच्चे को ये समझना चाहिए कि चाहे कोई दोस्त हो, चाहे कोई बड़ा, चाहे कोई जानवर ही क्यों ना हो उसकी वजह से दूसरों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
5. हार बर्दाश्त नहीं कर पाना
बच्चे कई तरह की एक्टिविटी में हिस्सा लेते हैं, लेकिन अगर वो हार जाएं तो रोना-धोना या फिर टैंट्रम करना सही नहीं होता है। जिंदगी में हार और जीत लगी रहती है ये बच्चों को समझना चाहिए।
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ये बिल्कुल सही है कि उसे अपनी हार का बुरा लग सकता है, लेकिन उसके लिए चीखना-चिल्लाना या फिर परेशान करना सही नहीं होगा।
ये सारी बातें बच्चे का नेचर बताती हैं और ये समझाती हैं कि शुरुआत से ही उन्हें संभालने की जरूरत है। बच्चे की जरूरत से ज्यादा जिद, उसका जरूरत से ज्यादा जवाब देना, उसका बहुत ज्यादा परेशान करना सब कुछ गलत है।
आपको ये समझना चाहिए कि बच्चों के प्रति प्यार अपनी जगह है, लेकिन उसे ज्यादा बिगाड़ना गलत है। बच्चे को सही और गलत का फर्क आप ही समझा सकती हैं। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? ये हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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