दिवाली पास आते ही प्रदूषण भी काफी ज्यादा खराब हो जाता है। बता दें प्रदूषण र्सिफ मनुष्य के लिए नहीं बल्कि पशु पक्षी के लिए भी काफी हानिकारक होता हैं। ऐसे में इस दिवाली आप भी ईको फ्रेंडली अर्थात प्रदूषण मुक्त दिवाली सेलिब्रेट कर सकते हैं।
दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के हर प्रांत में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। खुशियों का यह त्यौहार बच्चे से लेकर बड़ों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन सभी लोग अपने परिवार के साथ मिलकर दिवाली मनाते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने परिवार के साथ पटाखे जलाकर दिवाली मनाने का सोच रहे तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें।
सरकारी भी लगा देती है पाबंदी
कई राज्य की सरकार राज्य के प्रदूषण स्तर देखने के बाद पटाखों पर सख्त पाबंदी लगा देती हैं। ऐसे में आपको सरकार की बात माननी चाहिए और सभी के लिए प्रदूषण मुक्त दिवाली ही मनानी चाहिए।
ग्रीन पटाखे जलाएं
कई राज्य में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी जाती हैं। ऐसे में आपको नार्मल पटाखों के जगह ग्रीन पटाखे ही जलाने चाहिए। ग्रीन पटाखे न सिर्फ आकार में छोटे होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने में रॉ मैटेरियल का भी कम इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में पार्टिक्युलेट मैटर का विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले।
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ग्रीन पटाखे बाकी पटाखों से है सुरक्षित
ग्रीन क्रैकर्स से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्युलेट मैटर निकलता है जबकि 10 प्रतिशत गैसें उत्सर्जित होती है। ये गैस पटाखे की संरचना पर आधारित होती हैं। ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को NEERI नाम के ऐप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है।
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त्योहार में पटाखे जलाना नहीं है जरूरी
बता दें कि दिवाली के पर्व पर पटाखे जलाना कोई परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि पटाखे निर्माता कंपनियों ने अपने लाभ के लिए इस पवित्र पर्व को चुना है। हम पूर्ण धार्मिक विधि विधान से पर्व मनाए, घर में रौशनी की खूब सजावट करें अगर पटाखों से दूरी बनाए यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा कदम हो सकता हैं।
बड़े शहरों में प्रदूषण स्तर काफी खराब हो जाता है
दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जहां पर्यावरण प्रदूषण एक भयावह समस्या के रूप में सामने आया हैं। दिवाली के उत्सव के दौरान यहाँ के आसमान में धुएं के काले कृत्रिम कोहरे को स्पष्ट देखा जा सकता हैं। दिवाली या अन्य पर्वों पर पटाखे जलाने से उसमें से निकलने वाली हानिकारक गैस तथा हवा में घुले महीन कण स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।
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