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    Chaitra Navratri 2023 Panchak: पंचक में शुरू होंगी नवरात्रि, जानें पूजा का सही शुभ मुहूर्त

    22 मार्च, दिन बुधवार से नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है लेकिन इस बार नवरात्रि पंचक काल में शुरू होगी जिसके कारण पूजा मुहूर्त को लेकर सावधानी बरतने की खास जरूरत है। 
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    • Gaveshna Sharma
    • Editorial
    Updated at - 2023-03-14,10:32 IST
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    Panchak Mein Chaitra Navratri: हिन्दू धर्म में चार नवरात्रि का वर्णन मिलता है जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो मुख्य नवरात्रि। मुख्य नवरात्रि की बात करें तो एक नवरात्रि चैत्र माह में मनाई जाती है और दूसरी शारदीय नवरात्रि होती है जिसे अश्विन माह में मनाया जाता है। 

    इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च, दिन बुधवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के नौ दिन माता रानी की पूजा की जाती है। मां के नौ रूपों की उपासना कर मां को प्रसन्न किया जाता है। यूं तो नवरात्रि घर में शुभता लाती है लेकिन इस बार नवरात्रि पंचक काल में शुरू होने जा रही है। 

    ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि पंचक काल में शुरू होने के कारण नवरात्रि के पूजा मुहूर्त को लेकर सावधानी बरतने की खासा जरूरत है क्योंकि गलत मुहूर्त में की गई पूजा निष्फल हो जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं नवरात्रि की पूजा के सही शुभ मुहूर्त के बारे में। 

    नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से होगी वहीं पंचक 19 मार्च, दिन रविवार (रविवार के उपाय) से शुरू होकर 23 मार्च, दिन गुरुवार तक रहेंगे।

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    ऐसे में नवरात्रि का प्रथम और द्वितीय दिवस यानी कि प्रतिपदा और द्वितीया तिथि पंचक काल के अंतर्गत होगी। पंचक नवरात्रि के मात्र दो दिन ही रहने वाला है। 

    इसे जरूर पढ़ें: Chaitra Navratri 2023 Kab Hai: कब है चैत्र नवरात्रि 2023? जानें घटस्थापना मुहूर्त और पूजा विधि

    ऐसे में पंचक काल के दौरान नवरात्रि के प्रथम और द्वितीय दिवस का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

    वहीं, माता रानी की पूजा के लिए मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक मान्य होगा।

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    नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन कई विशेष योगों का निर्माण भी हो रहा है।

    प्रतिपदा तिथि यानि कि 22 मार्च को पंचक काल में नवरात्रि शुक्ल योग में शुरू होगी।

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    शुक्ल योग को सर्व साधक योग (हिन्दू धर्म में योग का महत्व) माना जाता है। इस योग में पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है।

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    इसके बाद ब्रह्म योग का निर्माण होगा। इस योग में माता रानी की पूजा करने से ब्रह्म ज्ञान और आत्म मंथन की प्राप्ति होती है। 

    तो ये था चैत्र नवरात्रि का पंचक काल में पूजा का सही शुभ मुहूर्त। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

    Image Credit: Pinterest

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