हिंदू धर्म शास्त्रों में किसी भी अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। मुख्य रूप से पितरों की शांति के लिए कोई भी अमावस्या तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। जब बात चैत्र महीने की अमावस्या की होती है तब ये मार्च और अप्रैल में होती है।
इस दिन स्नान, दान और चीजों का दान जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य किए जाते हैं। चैत्र अमावस्या को पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठान करने के लिए भी फलदायी माना जाता है। इस दिन लोग कौए, गाय, कुत्ते और गरीब लोगों को भोजन कराते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन पितर अपने वंशजों के पास जाते हैं और उनसे अपनी शांति की कामना करते हैं। चैत्र अमावस्या इस साल 21 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन यदि आप पितरों की शांति के लिए कुछ विशेष ज्योतिष उपाय आजमाएंगे तो आपके लिए लाभदायक होगा और पितृ दोष से मुक्ति के द्वार खुलेंगे। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें उन उपायों के बारे में।
पितरों के लिए तर्पण करें
ऐसा माना जाता है कि यदि आप चैत्र अमावस्या के दिन पितरों के लिए जल में तिल डालकर तर्पण करते हैं तो आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है और ऐसी पूर्वजों को भी शांति मिलती है जिनकी मृत्यु की तिथि आपको ज्ञात न हो। पितरों के लिए तर्पण करते समय 'ॐ तस्मै सुधा ' मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पण करें।
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पवित्र नदी में स्नान करें
यदि आप चैत्र अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं तो आपको समस्त पापों से मुक्ति मिल सकती है। आप गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करें और यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो इस दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नान करते समय जल में गंगाजल की कुछ बूंदें डालें। इस उपाय से आप पितरों को शांति कर सकते हैं।
गरीबों को भोजन कराएं
चैत्र अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराएं और उनकी जरूरत का सामान दान में दें। इस उपाय से पितृ दोषों से मुक्ति के द्वार खुलेंगे। यदि संभव हो तो अमावस्या तिथि के दिन आप घर में ब्रह्म भोज का आयोजन करें। इसके लिए आप ब्राह्मण को घर पर आमंत्रित करें और उनकी पसंद का भोजन कराएं तथा वस्त्र आदि का दान करें।
गाय को रोटी खिलाएं
चैत्र अमावस्या के दिन आप गाय को घी और गुड़ लगी हुई रोटी खिलाएं। इससे आपके पितरों को शांति मिल सकती है। यदि आप मृत पूर्वजों का नाम लेकर गाय को रोटी खिलाते हैं तो ज्यादा लाभकारी होगा।
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पीपल के पेड़ में दीपक जलाएं
चैत्र अमावस्या के दिन यदि आप पीपल के वृक्ष में दीपक जलाते हैं और पीपल को जल देते हैं तो इससे आपके पितरों की शांति के द्वार खुल सकते हैं। चैत्र अमावस्या के दिन आप शनि मंदिर में दीपक जरूर जलाएं आपको समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
चैत्र अमावस्या के दिन किये गए ये आसान उपाय आपके पितरों को शांति दिला सकते हैं और इनसे आपको पितृ दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
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