मां बनना हर महिला के लिए जिंदगी का सबसे खुशनुमा अहसास है। बच्चे के साथ मां की इमोशनल बॉन्डिंग और ढेर सारा प्यार उसे भीतर से मजबूत बनाते हैं। लेकिन मां बनने के साथ कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है और ऐसी ही एक चुनौती है ब्रेस्टफीडिंग। बच्चे को भूख लगना और मां का बच्चे को फीड कराना बहुत स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन जब बच्चे को लेकर बाहर निकलना हो या सफर पर जाना हो तो बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि पहले की तुलना में चीजें बेहतर हुई हैं, लेकिन बच्चे को फीड कराती हुई मां को घूर-घूर कर देखना और अजीबोगरीब तरह का व्यवहार एक मां को असहज बना देता है। HerZindagi ने ऐसी ही मॉम्स से बात की, जिन्होंने ट्रेवलिंग के दौरान ब्रेस्टफीडिंग में मुश्किलों का सामना किया। इन महिलाओं का अनुभव कैसा रहा, यह जानने के लिए जरूर देखें ये वीडियो।
ब्रेस्टफीडिंग में शर्म कैसी?
ब्रेस्टफीडिंग कराना एक नेचुरल प्रोसेस है, इसीलिए इसमें किसी तरह की शर्म क्यों होनी चाहिए। मां होना और बच्चे को दूध पिलाना कोई अपराध नहीं है, फिर क्यों फीड करा रही मां के सार्वजनिक स्थान पर होने पर उसे घूर-घूर कर देखा जाता है और असहज महसूस कराया जाता है। आज के सभ्य समाज में, जहां महिलाएं इतनी तरक्की कर रही हैं, ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर नया नजरिया अपनाए जाने की जरूरत है। ब्रेस्टफीडिंग को लेकर किसी तरह का हौवा बनाने के बजाय मॉम्स के लिए एक बेहतर माहौल देने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि वे अपने मदरहुड को एंजॉय कर सकें और अपने लाडले के साथ जीवन के बेहतरीन पलों का पूरा आनंद ले सकें।