हम हमेशा ये सोचते हैं कि फाइन डाइन और वाइन का कॉम्बिनेशन सिर्फ महंगे रेस्त्रां में जाकर मिलता है और अधिकतर अपने कल्नरी एक्सपीरियंस को इसी ओर ले जाते हैं। पर क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा हो सकता है कि किसी वर्ल्ड फेमस शेफ की क्लासिक डिशेज घर बैठे ही चखने को मिल जाएं?
यकीनन ये थोड़ी 'दूर के ढोल सुहाने' जैसी स्थिति लग रही है पर वाकई ऐसा हो सकता है। Knosh की मदद से ये मुमकिन है। ये एक ऐसा एप है जो फाइन डाइन को आपके घर तक लेकर आता है। भारत के कई नामी गिरामी शेफ इस एप का हिस्सा हैं।
हरजिंदगी ने इस मौके पर Knosh की को फाउंडर और फीमेल एन्टरप्रेन्योर सुंबुल सिद्धिकी से बात की और इसे बारे में और जानने की कोशिश की।
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कॉमन नहीं है Knosh
सुंबुल जी का कहना है कि नॉश कॉमन नहीं है और अधिकतर लोग इसे 'नोश फरमाएं' जैसे फ्रेज से जोड़कर देखते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये एक इंग्लिश शब्द है जो खाने को प्रेरित करता है। सुंबुल मानती हैं कि हर फूड डिलीवरी एप में एक जैसे ही ऑप्शन्स दिए जाते हैं और वो अपने यूजर्स के लिए कुछ अलग एक्सपीरियंस लेकर आना चाहती थीं। इसलिए ही ऐसी डिशेज का एक्सपीरियंस उन्होंने क्रिएट करने की कोशिश की है जिन्हें आसानी से नहीं ढूंढा जा सकता है।
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अधिकतर हम फेमस शेफ द्वारा बनाई गई डिशेज के बारे में सुनते हैं और उनके बारे में बात करते हैं, लेकिन अगर यहां बात की जाए फाइन डाइन की तो कई लोग इसे एक महंगा एक्सपीरियंस समझ कर छोड़ देते हैं। पर अगर उन्हीं लोगों के लिए ये एक्सपीरियंस और ऑथेंटिक स्वाद घर के दरवाज़े तक पहुंचाया जा सके तो ये बेहद खास होगा।
Le Meridien होटल में हुआ इवेंट का आयोजन
हाल ही में Knosh की तरफ से गुड़गांव के le meridien होटल में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया गया था। इस इवेंट में सेलिब्रेटेड मास्टर शेफ हेमंत ओबेरॉय द्वारा 7 कोर्स मील तैयार किया गया था जो यूजर्स को एक फाइन डाइन एक्सपीरियंस देने के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया था।
इस फीस्ट में खासतौर पर इंडियन पैलेट को ध्यान में रखते हुए डिशेज को बनाया गया था और हर कोर्स के साथ फाइन वाइन्स का एक्सपीरियंस भी दिया गया। जिन एवोकाडो, किनुआ, मशरूम, पनीर जैसे बेस इंग्रीडिएंट्स के साथ यहां जिन मसालों का यूज किया गया वो इस तरह से खाने में डाले गए थे ताकि वो सिर्फ फ्लेवर दें और डिश का ओरिजनल टेस्ट ना खराब करें।
जिस तरह का फीस्ट इस मौके पर तैयार किया गया था उसमें शेफ की मेहनत साफ दिख रही थी। ये खाना ना सिर्फ स्वाद में अच्छा था बल्कि इसे एक विजुअल डिलाइट कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हर डिश अपने आप में एक आर्ट फॉर्म थी।
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जिस तरह का एक्सपीरियंस हम नॉर्मल फाइन डाइन में लेते हैं या फिर जैसा एक्सपीरियंस हम फूड डिलीवरी एप्स के जरिए लेते हैं वो बिल्कुल ही अलग होता है, लेकिन अगर हमें दोनों का मिला जुला एक्सपीरियंस मिल जाए तो ये बात तारीफ के काबिल होगी।
इवेंट में जिस तरह का एक्सपीरियंस दिया गया था उसमें शुरुआत से आखिर तक भारतीय पैलेट को ध्यान में रखकर डिशेज बनाई गई थीं। शेफ खुद हर डिश को लेख ध्यान दे रहे थे। जैसा कि हमने पहले भी बताया डिशेज के इंग्रीडिएंट्स को चुनने में खास ध्यान दिया गया है। इस इवेंट को पूरा करने में शेफ हेमंत ओबेरॉय ने काफी मेहनत की है।
जहां तक खाने के लुक्स और उसके स्वाद की बात है तो ये यकीनन एक यूनीक एक्सपीरियंस था।
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