इन महिलाओं ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से ना सिर्फ देश का नाम रोशन किया बल्कि महिलाओं को भी आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।
भक्ति शर्मा ने अपने उदाहरण से महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकलने की राह दिखाई। भक्ति अंटार्कटिक महासागर में तैरने का रिकॉर्ड बनाने वाली सबसे युवा महिला हैं और यह कारनामा कर दिखाने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं।
अगर हौसले बुलंद हों तो किसी तरह की मुश्किल इंसान को अपनी मंजिल पाने से नहीं रोक सकती। इसी जज्बे के साथ अरुणिमा सिन्हा ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई का लक्ष्य बनाया। रास्ते में उनका एक्सिडेंट हो गया, लेकिन चोटिल होने के बावजूद उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर ही दम लिया।
शादीशुदा जिंदगी और बच्चों की जिम्मेदारी महिलाएं पूरी निष्ठा के साथ उठाती हैं। मैरी कोम के लिए भी ये जिम्मेदारियां काफी अहम थीं, लेकिन अपने देश के लिए स्पर्धा जीतने के लिए उन्होंने खेल को सर्वोपरि रखते हुए कड़ी मेहनत की और उनकी मेहनत रंग भी लाई। वह पांच बार की वर्ल्ड एमैच्योर बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी हैं। ये उपलब्धियां मैरी कोम की प्रतिभा खुद-ब-खुद जाहिर कर देती हैं।
सोशलॉजी में ग्रेजुएट विद्या बालन बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में शुमार की जाती हैं। उन्होंने 'डर्टी पिक्चर्स', 'इश्किया', 'कहानी' जैसी फिल्मों में अनकन्वेंशनल रोल निभाकर महिलाओं के प्रति लोगों की पांरपरिक सोच में क्रांतिकारी बदलाव लाए। विद्या अपनी बेमिसाल अदाकारी के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं। साल 2014 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया था।
भारतीय टेनिस एसोसिएशन की तरफ से कभी सानिया मिर्जा को नंबर 1 टैनिस प्लेयर का दर्जा दिया गया था। सानिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और देश के लिए दो दर्जन से अधिक मेडल्स जीते हैं।