काम न ही कोई छोटा होता है और न ही कोई बड़ा, बस उस काम को पूरा करने के लिए आपके पास एक संकल्प होना चाहिए, चाहें वो पुरुष हो महिला। अगर महिलाएं ठान लें तो कुछ भी कर सकती है। कुछ ऐसा ही उदहारण प्रस्तुत किया है भरतीय रेलवे के कुछ महिलाओं ने। जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना! भारतीय रेलवे में पहली बार मालगाड़ी ट्रेन चलाने वाली पायलट से लेकर गार्ड तक सभी महिलाएं थीं, जो आज भारत में लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। तो चलिए जानते हैं इन महिलाओं के बारे में और इस ट्रेन के बारें में।
खबर के अनुसार यह मालगाड़ी महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई रोड़ स्टेशन से माल लेकर गुजरात के वडोदरा पहुंची। कहा जा रहा है कि इस सफ़र को पूरा करने में लगभग सात घंटे लगे। ये भी कहा जा रहा है कि इस ट्रेन में लगभग 43 बंद डिब्बों में 3,686 टन का माल लेकर यह मालगाड़ी गुजरात के वडोदरा पहुंची।
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सभी क्रू मेंबर्स का स्वागत
ट्रेन स्टार्ट होने से पहले ट्रेन के सभी क्रू मेंबर्स को बेहद ही उत्साह के साथ और फूल देकर बधाई भी दी गई। इस कामयाबी के लिए स्टेशन पर मौजूद कई अन्य अधिकारियों ने कुमकुम एस डोंग, उदिता वर्मा और आकांक्षा रे आदि सभी महिलाओं को शुभकामनाएं भी दी गई। कहा जा रहा है कि इस ट्रेन को महिलाओं ने लगभग 60 किमी प्रति घंटे की औसत गति से निर्धारित जगह पर पहुंचने में कामयाब रही। (फ्लाइट जिसमें सभी क्रू मेंबर्स महिलाएं हैं)
कुमकुम एस डोंग के नेतृत्व में
कहा जा रहा है कि इस ट्रेन की लोको पायलट कुमकुम एस डोंग थीं। वहीं इस ट्रेन में सहायक लोको पायलट उदिता वर्मा और गुड्स गार्ड आकांक्षा रे थीं। यानि इस ट्रेन में पायलट से लेकर सुरक्षा गार्ड तक सभी महिलाएं ही थी। सभी क्रू मेंबर्स के द्वारा इसे सफलतापूर्वक सफ़र तय करके भारत में एक नया इतिहास रचा है। इस ख़ुशी के मौके पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर बधाई संदेश भी लिखा।
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रेल मंत्री का ट्वीट
महाराष्ट्र के वसई रोड से गुजरात के वडोदरा तक मालगाड़ी का कुशलता से संचालन कर हमारी महिला कर्मचारियों ने सशक्तिकरण का एक अद्भुत उदाहरण सामने रखा है।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 7, 2021
इस ट्रेन में लोको पायलट से लेकर गार्ड तक की जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों द्वारा संभाली गयी। pic.twitter.com/mEubyshNAe
इस उपलब्धि के मौके पर देश के रेल मंत्री ने भी सभी महिलाओं को ट्वीट करते हुए बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में 'महिला सशक्तिकरण का एक अद्भुत उदाहरण होने का जिक्र किया'। आगे उन्होंने लिख-'इस ट्रेन में लोको पायलट से लेकर गार्ड तक की जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों द्वारा संभाली गयी'।
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