क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आप अपनी रिंग फिंगर को अलग से मूव नहीं कर पाते हैं? चलिए-चलिए अभी ट्राई कर लीजिए। क्या आप हाथ की बाकी चार उंगलियों की तरह अपनी रिंग फिंगर को कभी अच्छे से मूव कर पाते हैं?
किसी को प्वाइंट आउट करना है तो आप इंडेक्स फिंगर उठा लेते हैं, किसी को थम्स अप देना है तो अंगूठे को अलग से उठा पाते हैं, किसी को चिढ़ाने के लिए मिडिल फिंगर का इस्तेमाल भी हो सकता है और बाथरूम जाने का इशारा करने के लिए छोटी उंगली को भी आप उठा सकते हैं, लेकिन रिंग फिंगर को अलग से उठाना या मूव करना मुश्किल होता है। आप इसे एक लिमिट से ज्यादा ना तो उठा सकते हैं और ना ही इसे अलग से मूव करना आसान होता है।
अगर आप इसे ज्यादा उठाने की कोशिश करेंगे तो इसमें दर्द भी होता है, लेकिन फिर भी आप इसे आसानी से उठा नहीं पाते हैं। अब एक काम कीजिए अपने हाथ को पूरा स्ट्रेच करें और एक-एक करके उंगलियों को नीचे करने की कोशिश करें। आप देखेंगे कि थर्ड फिंगर या मिडिल फिंगर सबसे ज्यादा मुश्किल से नीचे हो रही है।
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आखिर क्यों इन उंगलियों को मूव करना होता है इतना मुश्किल?
आपने देखा होगा कि आपका अंगूठा ही सबसे आसानी से मूव कर रहा है और आपकी उंगलियों की बात करें तो लिटिल फिंगर यानी सबसे छोटी उंगली भी वैसे ही फ्लेक्सिबल है। इसका एकमात्र कारण ये है कि इनकी मसल्स इंडिपेंडेंट हैं और ये बहुत ही आसानी से मूव कर सकती हैं। अंगूठे में भी बहुत सारी छोटी-छोटी मसल्स होती हैं और इसका बेस अलग होता है इसलिए इसका मूवमेंट इतना आसान होता है। ऐसे ही हथेली पर असल मसल्स होती हैं जो उंगलियों को आगे और पीछे होने में मदद करती है। (मसल पेन की समस्या का उपाय)
रिंग फिंगर भी आसानी से इसलिए मूव कर पाती है क्योंकि इसमें कुछ मसल्स ज्यादा होती हैं। पर अंगूठे की तरह से इंडिपेंडेंटली इसलिए नहीं काम कर पाती है क्योंकि इसकी मसल्स को तीन अन्य उंगलियां शेयर करती हैं। इस कारण इसका कंट्रोल थोड़ा लिमिट हो जाता है।
हाथ की बाकी चार उंगलियां क्यों फ्लेक्सिबल होती हैं?
इसका कारण ये है कि आपकी फोरआर्म यानी हाथ के अगले हिस्से में दो अन्य मसल्स होती हैं जिन्हें लॉन्ग फ्लैक्सर्स कहा जाता है। इसके अलावा, हाथों की मसल्स में टेंडन (tendon) भी होते हैं जो इन्हें अलग से मूव करने में मदद करते हैं। ऐसे में थंब, इंडेक्स और पिंकी फिंगर या लिटिल फिंगर को अलग से मूव करना आसान होता है। इन्हीं मसल्स के कारण आप मुट्ठी भी आसानी से बांध सकते हैं। (आपके हाथ कितने सेहतमंद हैं, जानें)
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रिंग फिंगर को क्यों नहीं कर पाते हैं मूव?
रिंग और मिडिल फिंगर के साथ समस्या ये होती है कि उनमें अलग से फ्लेक्सर्स नहीं होते हैं और भले ही मिडिल फिंगर को थोड़ा सा सपोर्ट बाकी मसल्स से मिल जाता है, लेकिन रिंग फिंगर को वो भी नहीं मिलता है और इसलिए इसे अलग से मूव करना या बाकी उंगलियों की तरह खड़ा करना बहुत मुश्किल होता है। (अंगूठे का आकार खोल देगा मन के राज)
इसका दूसरा कारण ये है कि सभी उंगलियों की मसल्स दिमाग से कनेक्ट होती हैं और रेडियन नर्व से अंगूठा, उंगली और मिडिल फिंगर का एक साइड कनेक्ट होता है तो अल्नर नर्व से लिटिल फिंगर और रिंग फिंगर और मिडिल फिंगर का एक हिस्सा कनेक्ट होता है।
क्योंकि इन दोनों नर्व्स के बीच में ब्रांचिंग होती है इसलिए उंगलियां एक दूसरे से कनेक्ट रहती हैं। क्योंकि रिंग फिंगर और लिटिल फिंगर दोनों ही एक साथ जुड़े हुए होते हैं इसलिए इन्हें अलग से मूव करना मुश्किल होता है। मिडिल फिंगर इसलिए इतनी आसानी से मूव कर पाती है क्योंकि इसे दो अलग तरह के सिग्नल मिलते हैं।
ये हमारे हाथों की संरचना के कारण होता है। ह्यूमन बॉडी से जुड़े फैक्ट्स के बारे में अगर आपको भी कुछ जानकारी चाहिए हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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