'रात को ज्यादा देर घर से बाहर मत रहना'
'ऊंची आवाज़ में बात मत करो'
'छोटे कपड़े मत पहनो'
'समय रहते घर आ जाना'
कभी ऐसा नहीं करना तो कभी वैसा,
हर पाबंदी लड़कियों पर ही क्यों लगाई जाती है।
भारत में social environment ऐसा है कि यहां महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार नहीं बल्कि दूसरों की इच्छा से जीवनयापन करना पड़ता है। कुछ चीजों को देखकर हर लड़की या महिला को कभी-कभार खुद का लड़की होना किसी मुसीबत से कम नहीं लगता है। मेरी सहेली को भी कुछ ऐसा ही लगता है कि ऐसा लगता है कि इससे अच्छा होता कि मैं लड़का ही होती। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है..... अगर लगता है तो कोई नई बात नहीं है। ऐसी भावनाओं का मन में आना बहुत ही नॉर्मल बात है।
1पीरियड और प्रेग्नेंसी

पीरियड्स हो या प्रेग्नेंसी, ये सिर्फ महिलाओं के हिस्से में आती है। गर्भधारण करना भले ही महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है। लेकिन पीरियड्स का दर्द और प्रेग्नेंसी की जटिलता काफी कष्टकारी होती है। एक शिशु को जन्म देने के दौरान उसे कितना दर्द होता है।
2Public restrooms और सुरक्षा

सार्वजनिक जगहों पर restrooms पर न होने या गंदे होने पर सबसे ज्यादा समस्या भी महिलाओं को ही होती है। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा भी इस देश का एक बहुत बड़ा मुद्दा बनी है। सभी अपनी बेटियों को संभाल कर रखना चाहता है जिसके कारण कई प्रतिबंध भी लगाने पड़ते हैं। इसलिए, लड़कियों को लड़की होना बोझ सा लगने लगता है।
3अनचाहे बाल और ब्रेस्ट

लड़कियों के शरीर में कई अनचाहें स्थानों पर बाल होते हैं जिन्हें समय-समय पर साफ करना जरूरी होता है, नहीं तो इंफेक्शन होने का डर बना रहता है। हर बार इसके लिए काफी खर्च भी करना पड़ता है। कई बार आपको लगता है कि इस breast का शरीर में क्या काम है। लोगों का ध्यान भी आपके शरीर के इस हिस्से पर सबसे ज्यादा रहता है जिसकी वजह से काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है।
4हार्मोंस और वजन

पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के अलावा महिलाओं में हार्मोंस के बदलाव की समस्या भी बहुत ज्यादा रहती है। जिसके कारण उनका वजन और मूड दोनों में ही बदलाव होते रहते है। हार्मोंस का बदलाव और घर की ज्यादा जिम्मेदारियों के कारण महिलाओं में गुस्सा और तनाव बढ़ जाता है। जो उनके वजन को भी प्रभावित करता है। महिलाएं इस बात से भी महिला होने से चिढ़ती है।
5कपड़े और मेकअप

जी लड़कियां है तो मेकअप तो करना बनता ही है। गेट टू गेदर से लेकर क्लब पार्टी में हमेशा टिप टॉप रहना जरूरी है वर्ना लोगों को लगता है कि आपको सेंस नहीं है। कभी-कभी इस बात पर बहुत गुस्सा आता है कि जब कहीं निकलना हो तो सारे कपड़े पता नहीं कहां गुम हो जाते है। ये नहीं कि पुरूषों की तरह सिंपल जींस-टीशर्ट पहनकर हर जगह जा सके।
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