
डायबिटीज दुनिया-भर में लाखों लोगों पर प्रभाव डालने वाली एक पुरानी मेडिकल कंडीशन है और महिलाएं भी इससे बची नहीं हैं। दुर्भाग्य से, अक्सर डायबिटीज पर किसी का ध्यान नहीं जाता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
डायबिटीज का खतरा उन महिलाओं में ज्यादा होता है जो मोटापे से ग्रस्त हैं, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर है या वो शहरी क्षेत्रों में रहती हैं। इसलिए, महिलाओं में डायबिटीज के संकेतों और लक्षणों को जानना जरुरी है, ताकि तुरंत चिकित्सा लेकर भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सके। महिलाओं में डायबिटीज के कुछ सामान्य लक्षण नीचे दिए गए हैं। इन लक्षणों के बारे में हमें कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ मौनम चट्टोपाध्याय बता रहे हैं।

डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को सामान्य से अधिक प्यास लग सकती है, जिससे लिक्विड पीने की इच्छा बढ़ जाती है। महिलाओं को रात में बार-बार यूरिन आने का अनुभव भी हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्लड में हाई ग्लूकोज लेवल किडनी को अतिरिक्त चीनी को छानने और अवशोषित करने के लिए कड़ी मेहनत करता है।
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थकान और कमजोरी महिलाओं में डायबिटीज का एक और लक्षण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इंसुलिन या इंसुलिन रेजिस्टेंस की कमी के कारण शरीर ग्लूकोज का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। नतीजतन, पर्याप्त आराम के बाद भी शरीर थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकता है।

ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल आंखों के लेंस में परिवर्तन का कारण बन सकता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है। इसके अलावा, डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है, खासकर पढ़ने या दूर की वस्तुओं को देखने में।
डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं देख सकती हैं कि उनके घाव भरने में अधिक समय लगता हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्लड में हाई ग्लूकोज का लेवल ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे सर्कुलेशन खराब होता है और प्रभावित हिस्से में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है।
ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल नर्व डैमेज का कारण बन सकता है, जिससे पैरों या हाथों में सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को भी विशेष रूप से पैरों में जलन का अनुभव हो सकता है।

डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को पर्याप्त भोजन करने पर भी वजन कम होने का अनुभव हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर ग्लूकोज का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, जिससे एनर्जी के लिए फैट और मसल्स के टिश्यू टूटते है।
ब्लड में ग्लूकोज के बढ़ने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में त्वचा संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। वे लगातार फोड़े, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन को नोटिस कर सकती हैं।
डायबिटीज को दवा, जीवनशैली में बदलाव जैसे एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और नियमित ब्लड ग्लूकोज की निगरानी के साथ मैनेज किया जा सकता है। यदि आप इनमें से किसी भी संकेत और लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सा लेना जरुरी है। डायबिटीज के निदान करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करा सकते हैं और सही ट्रीटमेंट प्लान की सिफारिश कर सकते हैं।
डायबिटीज एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है, जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं को प्रभावित करती है। महिलाओं में डायबिटीज के संकेतों और लक्षणों को जानने से शीघ्र निदान और उपचार में मदद मिल सकती है। महिलाओं को अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए और इन संकेतों या लक्षणों का अनुभव होने पर चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।
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इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरुरी है, जिसमें डायबिटीज की शुरुआत को रोकने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज, स्वस्थ आहार और वजन को कंट्रोल में रखना शामिल है।
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