हेपेटाइटिस जिसका नाम सुनते ही हम सभी डरने लगते हैं। वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर दिल्ली के सनराइज हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट एंड लैपरोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर सुचिता सिंह आज हमें इस वीडियो के माध्यम से हेपेटाइटिस महिलाओं पर कैसे असर करता है, से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बता रही हैं जिन्हें जानना हर महिला के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानें कौन सी है ये बातें। लेकिन सबसे पहले हम ये जान लेते हैं कि हेपेटाइटिस क्या होता है?
हेपेटाइटिस और उसके लक्षण
हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्शन है जो कि आपके लिवर को प्रभावित करता है। इसके कारण बुखार और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देते है।
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महिलाओं में हेपेटाइटिस होने के चांस
हेपेटाइटिस होने के चांसेस महिलाओं में भी पुरूषों के बराबर ही होते है। इसका खतरा प्रेग्नेंट महिलाओं में ज्यादा होता है। यह खाने-पीने के माध्यम से या खून के माध्यम से फैलते है।
प्रेग्नेंट महिलाओं पर असर
प्रेग्नेंट महिलाओं में हेपेटाइटिस होने पर उसके होने वाले बच्चे पर कई तरह के असर होने लगते है। अगर आप हेपेटाइटिस ए की बात करें तो इसमें समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा रहता है। लेकिन अन्य तरह के हेपेटाइटिस की बात करे तो हेपेटाइटिस ई बच्चे के लिए ज्यादा खतरा पैदा करता है। यहां तक कि बच्चे के पेट में खत्म होने के चांस भी रहते हैं।
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हेपेटाइटिस से बचाव
प्रेग्नेंसी के दौरान बाहर के खान-पान से दूर रहें। इससे आप हेपेटाइटिस ई और ए की रोकथाम कर सकती हैं।
साथ ही प्रेग्नेंसी की शुरुआत में हेपेटाइटिस बी और सी का चेकअप जरूर कराएं। ताकि अगर महिला की बॉडी में इसका इंफेक्शन है तो उसे रोकने के लिए सही समय पर इंजेक्शन लगाया जा सकें।
Credits
Producer: Rekha Yadav
Editor: Atul Tripathi