सालों से एचआईवी ‘human immunodeficiency virus‘ के बारे में पूरे विश्व में भ्रांतियां फैली हुई हैं। कभी-कभी इन भ्रांतियों के कारण ऐसी बीमारियों से लड़ना कठिन हो जाता है। एड्स जैसी घातक बीमारी से बचने का सबसे आसान तरीका है इस बीमारी की जानकारी। एड्स को लेकर आपके इस confusion को हमारी एक्सपर्ट दूर करेगी। द हमसफर ट्रस्ट की रिसर्च मैनेजर श्रुता रावत का कहना है कि एड्स एक अवस्था है जहां पर हमारी बॉडी रोग प्रतिरोधक शक्ति यानी immunity कमजोर हो जाती है, जो हमारी body को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है।
किन वजहों से होता है एचआईवी इंफेक्शन?
- बिना कंडोम के सेक्स करने से आप संक्रमित हो सकती हैं।
- ब्लड transmission के द्वारा, अगर किसी को संक्रमित खून चढ़ाया जाता है तो infection होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
- एचआईवी वायरस तब भी फैल सकता है अगर एक सुई जो किसी संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गयी हो, किसी असंक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल कर दी जाए।
- अगर कोई महिला एचआईवी वायरस से संक्रमित है तो वह प्रेग्नेंसी में अपने बच्चे को भी इससे संक्रमित कर सकती है।
एचआईवी के लक्षण क्या है?
आमतौर पर एचआईवी के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। काफी बार लोगों को इसकी जानकारी ब्लड टेस्ट करवाने के बाद होती है। या उनको कोई इंफेक्शन होता है।
क्या एड्स का कोई इलाज है?
अभी तो एचआईवी के इलाज के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। लेकिन दुनिया भर में इससे बचाव के वैक्सीन की खोज हो रही है।
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क्या एड्स के मरीज काम नहीं कर सकते?
एचआईवी से ग्रस्त महिलाएं अन्य महिलाओं की तरह कुछ भी कर सकती हैं। वह ऑफिस जा सकती है स्पोर्ट्स खेल सकती है।
लेकिन अन्य बीमारियों की तरह इसमें भी कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जैसे हेल्दी डाइट लें, पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें और स्मोकिंग और अल्कोहल से बचें।
एड्स patients के लिए सलाह
- अगर आप एचआईवी पॉजिटीव है तो अच्छी डाइट लें।
- एक अच्छी डॉक्टर से सलाह लें।
- दवाएं टाइम पर लें।
एचआईवी से डर से नहीं अच्छी जानकारी से बचा जा सकता है।