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By Pooja Sinha17 May 2019, 10:59 IST
हर साल सैकड़ों लोग डेंगू का शिकार होते हैं। लेकिन डेंगू से ग्रस्त बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं की स्थिति बदतर हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी इम्यूनिटी बाकी लोगों की तुलना में कमजोर होती है और कोई भी बीमारी कमजोर इम्यूनिटी के लोगों को अपना शिकार बहुत जल्दी बनाती है। हरजिंदगी की टीम ने मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर रोमेल टिकू से बात की। ताकि इस बात की जानकारी ली जा सकें कि प्रेग्नेंसी के दौरान डेंगू का क्या मतलब है, मां और बच्चे पर इसका कितना असर पड़ता है? अगर डेंगू हो रहा है तो गर्भ में पल रहे शिशु की हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है। और ब्रेस्फीडिंग कराने वाली स्तनपान कराने वाली मांएं डेंगू के खिलाफ दवा ले सकती हैं। जी हां हरजिंदगी की टीम ने डॉक्टर से प्रेग्नेंसी में डेंगू से जुड़े कुछ प्रश्न पूछें, जैसे
अगर प्रेग्नेंसी में डेंगू हो जाए तो क्या करना चाहिए?
तब डॉक्टर ने बताया अगर प्रेग्नेंसी में डेंगू हो जाए तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। खूब सारा पानी पीना चाहिए। कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।
अगर प्रेग्नेंसी में डेंगू हो जाए तो इसका असर बच्चे पर भी होता है?
कॉम्प्लीकेटेड डेंगू हो या ब्लड प्रेशर कम हुआ हो तो लो बर्थ रेट या प्री मैच्योर डिलीवरी हो सकती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। बच्चे पर इसका असर आमतौर पर नहीं होता है।
प्रेग्नेंसी में थकान, बदन टूटना और उल्टी आना आम है? और डेंगू के भी यही लक्षण होते हैं तो फर्क कैसे करें?
डेंगू में बुखार होता है अगर बुखार नहीं है और प्रेग्नेंसी जैसे लक्षण ही दिखाई देते है तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डेंगू की दवा खाना सुरक्षित होता है?
आमतौर पर डेंगू को स्पेशल दवा नहीं होती है। उल्टी और बुखार की दवा होती है। तो यह सुरक्षित होती है आप किसी को भी दे सकते है।
अगर आपके मन में भी इससे जुड़े कुछ सवाल हैं तो इस वीडियो को जरूर देखें और एक्सपर्ट से इस बारे में जानें।
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