आज के समय में अधिकतर लोगों की सिटिंग जॉब है, जिसके कारण एक ही पोजिशन में लंबे समय तक बैठे रहने के कारण लोगों को बैक पेन की समस्या होती है। आमतौर पर, लोग शुरूआत में इसे नजरअंदाज करते हैं। लेकिन जब धीरे-धीरे दर्द बहुत अधिक बढ़ने लगता है, तो वह या तो पेनकिलर लेना शुरू कर देते हैं या फिर तरह-तरह की थेरेपी का सहारा लेते हैं।
हालांकि, इन सबसे अधिक बेहतर उपाय होता है योगाभ्यास करना। जब आप नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं, तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से खुद ब खुद छुटकारा मिल जाता है। अमूमन बैक पेन से राहत पाने के लिए स्पाइनल कोर्ड की स्ट्रेचिंग अवश्य करनी चाहिए। जब आप ऐसा करते हैं, तो इससे रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियों में तनाव कम होता है।
साथ ही साथ, इनके मोशन व मोबिलिटी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं, स्पाइनल कोर्ड स्ट्रेचिंग के जरिए पीठ दर्द के कारण होने वाली किसी भी तरह की डिसेबिलिटी से भी बचा जा सकता है। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको बता रही हैं कि स्पाइनल कोर्ड स्ट्रेचिंग के लिए आप किन योगासनों का अभ्यास कर सकती हैं-
कटिचक्रासन
स्पाइनल कोर्ड की स्ट्रेचिंग के लिए कटिचक्रासनको एक बेहद ही प्रभावशाली आसन माना गया है। यह कमर दर्द को दूर करने के साथ-साथ वजन को कम करने में भी मददगार है।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब दोनों पैरों के बीच हल्का गैप करें और हाथों को सामने की ओर सीधा फैलाएं।
- अब सांस भरें और दाईं तरफ मुड़ें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए बाएं तरफ मुड़ें।
- इस तरह आप यथाशक्ति इस आसन का अभ्यास करें।
- इस आसन के अभ्यास के दौरान आपको अपनी कमर में एक ट्विस्टिंग महसूस होगी और स्पाइनल कोर्ड की स्ट्रेचिंग भी होगी।
उष्ट्रासन
चूंकि, उष्ट्रासन स्पाइनल कोर्ड की स्ट्रेचिंग करता है, जिसके कारण आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही, यह आपकी बॉडी को अधिक फ्लेक्सिबल बनाता है।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटने के बल बैठ जाएं।
- ध्यान दें कि आपके घुटनों के बीच थोड़ा गैप हो।
- अब आप अपनी रीढ़ की हड्डी को हल्का झुकाने का प्रयास करें और दोनों हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें।
- हालांकि, इस दौरान शरीर के साथ किसी तरह की जबरदस्ती ना करें और ना ही गर्दन पर अत्यधिक दबाव पड़ना चाहिए।
- कुछ देर तक इसी स्थिति में रूकें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर को बिल्कुल भी झटका ना दें।
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पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास बैठकर किया जाता है और जब आप इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो आपको स्पाइनल कोर्ड में स्ट्रेचिंग महसूस होती है। इतना ही नहीं, यह कूल्हों व पेट की चर्बी को कम करने के लिए भी लाभदायक है।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर बैठ जाएं।
- इस दौरान दोनों पैर मोड़ने के स्थान पर आगे फैला लें।
- ध्यान दें कि आपके दोनों पैर आपस में मिले हुए हों।
- अब लंबी गहरी सांस लें और जहां तक संभव हो शरीर को आगे की ओर झुकाकर पैरों की ऊंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें।
- कोशिश करें कि आपका सिर घुटनों को छू लें।
- हालांकि, शरीर के साथ जबरदस्ती ना करें। बस अपनी क्षमतानुसार इसका अभ्यास करें।
- कुछ क्षण इसी अवस्था में रूकें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।
तो अब नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करें और एक दर्द मुक्त हेल्दी लाइफ जीएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik
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