खीस शब्द शायद बहुत से लोगों के लिए नया हो, लेकिन वास्तव में यह सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। खीस को गाय के दूध की मदद से तैयार किया जाता है और यह मां के दूध के समान की लाभदायक होती है। जिस तरह जब एक स्त्री बच्चे को जन्म देती है तो उसका पहला हल्का पीला दूध बच्चे को सर्वाधिक लाभ प्रदान करता है। ठीक उसी तरह खीस से भी हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।
दरअसल, बछड़े को जन्म देने के बाद खीस गाय या भैंस के पहले दूध से बनाई जाती है जो वह बछड़े को जन्म देने के 2-3 दिनों के भीतर देती है। इस दूध में कोलोस्ट्रम होता है, जिसके कारण यह दूध सर्वाधिक लाभदायक माना जाता है। कोलोस्ट्रम में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबॉडी की मात्रा अधिक होती है। जो बैक्टीरिया और वायरल संक्रमणों के खिलाफ शरीर के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। विशेष रूप से, बच्चों को तो इसे अवश्य दिया जाना चाहिए, क्योंकि अमूमन उनका इम्युन सिस्टम उतना मजबूत नहीं होता है। जब इस दूध को उबाला जाता है, तो इसका स्वाद व टेक्सचर दोनों ही पनीर जैसे नजर आते हैं।
तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डायटीशियन रितु पुरी आपको खीस से मिलने वाले कुछ हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बता रही हैं-
इस दूध में प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन और खनिजों के अलावा लैक्टोफेरिन भी होता है, जिसके कारण यह रेग्युलर मिल्क से कहीं अधिक पौष्टिक होता है।
रेग्युलर मिल्क से कहीं अधिक पौष्टिक
नियमित दूध के फायदों से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन खीस इन सबसे बढ़कर है। दरसअल, यह प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन और खनिजों में बहुत समृद्ध है। इतना ही नहीं, इसमें लैक्टोफेरिन भी होता है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। जिसके कारण व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। छोटे बच्चों के लिए तो इसे रामबाण माना जाता है।
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दस्त की समस्या को करे दूर
खीस को पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपके गट को हेल्दी बनाता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। जैसे दस्त को दूर करने के लिए खीस का सेवन किया जा सकता है। इस दूध में एंटीबॉडी और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए जब खीस का सेवन किया जाता है, तो इससे दस्त का इलाज तो होता ही है, साथ ही बार-बार होने वाली दस्त की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।
मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद
आमतौर पर, खीस बनाते समय उसमें स्वीट कंटेंट शामिल किया जाता है, लेकिन अगर इसमें चीनी को शामिल ना किया जाए तो यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद ही लाभदायक है। खीस शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। दूध में कोलोस्ट्रम ग्लूकोज के यूटिलाइजेशन में सुधार करता है जो रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जिसके कारण मधुमेह रोगियों की स्थिति में सुधार होता है।
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ऐसे तैयार करें खीस
गाय व भैंस के दूध से खीस बनाना बेहद ही आसान है। इसके लिए, सबसे पहले पैने में दूध डालें और उसे गरम करने के लिए रखने दें। अब आप अपने टेस्ट के अनुसार इसमें चीनी या गुड़ डालें। साथ ही, इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इलायची पाउडर को भी मिक्स किया जा सकता है। अब आप दूध को लगातार चलाते रहें और उबाल आने दें। जब दूध में एक उबाल आएगा तो यह खुद ब खुद फट जाएगा। बस आपकी खीस बनकर तैयार है। आप इसे गरम भी खा सकते हैं और फ्रिज में रखकर इसे ठंडा भी सर्व किया जा सकता है।
तो अब आप भी खीस को बनाकर उसका सेवन अवश्य करें और खुद को बीमारियों से दूर रखें।
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Image Credit- freepik
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