हमारे शरीर में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद हैं। आमतौर पर, बैक्टीरिया को सेहत के लिए खराब माना जाता है। हालांकि, सभी बैक्टीरिया वास्तव में खराब नहीं होते हैं। प्रोबायोटिक्स वास्तव में फ्रेंडली बैक्टीरिया होते हैं जो फरमेंटेड फूड जैसे दही आदि में पाए जाते हैं। इन प्रोबायोटिक का मुख्य काम आपके गट को हेल्दी रखना होता है। जब आप गट हेल्दी होता है तो आपकी ओवर ऑल बॉडी पर इसका पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है।
अमूमन लोग यह मानते हैं कि प्राबायोटिक शरीर में बैड बैक्टीरिया को कम करने और गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाती हैं। इसलिए, लोग इनका सेवन करने पर जोर देते हैं। हालांकि, बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि प्रोबायोटिक्स आपके वजन को भी कम करने में कारगर है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि प्राबायोटिक वजन कम करने में किस तरह मददगार हो सकते हैं-
फाइबर ब्रेकडाउन में मददगार
वजन कम करने के लिए जरूरी होता है कि आपके शरीर में पर्याप्त पोषक तत्व हों और वह बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब हों। ऐसे में प्रोबायोटिक आपकी मदद कर सकते हैं। प्रोबायोटिक वास्तव में आपके गट को हेल्दी बनाते हैं और आपकी आंत में मौजूद ये फ्रेंडली बैक्टीरिया विटामिन के और बी विटामिन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का उत्पादन करते हैं। इतना ही नहीं, वे उस फाइबर को तोड़ने में भी मदद करते हैं जिसे आपका शरीर पचा नहीं पाता है। जिसके कारण वजन कम करने में मदद मिलती है।
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भूख पर डालते हैं असर
प्रोबायोटिक भूख कम करने वाले हार्मोन जैसे पेप्टाइड -1 (जीएलपी -1) और पेप्टाइड वाईवाई (पीवाईवाई) को रिलीज करने में मदद कर सकते हैं। जिसके कारण आपको आवश्यकता से अधिक भूख नहीं लगती हैं और इस तरह आप नियंत्रित कैलोरी ही लेती हैं। इसके अलावा, इन हार्मोनों के बढ़े हुए स्तर के कारण आपको कैलोरी और फैट को बर्न करने में भी मदद मिल सकती है। इस तरह अगर नियमित रूप से प्रोबायोटिक का सेवन किया जाए तो धीरे-धीरे आपकी बॉडी शेप में आने लगती है।
मेटाबॉलिज्म होता है बेहतर
प्रोबायोटिक के सेवन का एक लाभ यह भी है। प्रोबायोटिक के कारण आपका गट हेल्दी होता है, जिसके कारण आपका मेटाबॉलिज्म भी बूस्टअप होता है। मेटाबॉलिज्म के बेहतर होने के कारण आप जो खाते हैं, वह फैट में बदलने की जगह एनर्जी में बदलता है। इस तरह आपको वेट लॉस में भी मदद मिलती है।
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फैट रेग्युलेटिंग प्रोटीन का लेवल बढ़ाना
प्रोबायोटिक्स के सेवन से प्रोटीन एंजियोपोइटिन का लेवल बढ़ सकता है। जिसके कारण बॉडी से फैट स्टोरेज कम होता है। ऐसे में धीरे-धीरे वजन कम होना शुरू हो जाता है। प्रोटीन के स्तर को प्रभावित करने के अलावा वे सूजन को भी कम करते हैं, जिससे मोटापा बढ़ सकता है।
ऐसे बढ़ाएं डाइट में प्रोबायोटिक्स
अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स बढ़ाने के लिए दही, केफिर व अन्य फर्मेंटेड फूड्स का सेवन रेग्युलरली करें। इसके अलावा, इन दिनों मार्केट में प्राबोटिक ड्रिंक्स भी अवेलेबल हैं। अगर आप चाहें तो डायटीशियन की सलाह लेकर प्राबायोटिक सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।
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