हमारी आंखों के आसपास की स्किन बेहद ही नाजुक और सेंसेटिव होती है। आंखों के आसपास की त्वचा बेहद पतली होती है और काले घेरों से लेकर फाइन लाइन्स तक के निशान अंडर आई एरिया पर सबसे पहले विजिबल होते हैं। ऐसे में इस एरिया को स्पेशल केयर की जरूरत होती है। अमूमन इन डार्क सर्कल्स आदि से निजात पाने के लिए हम तरह-तरह के इंग्रीडिएंट्स व प्रोडक्ट्स को अंडर आई एरिया पर अप्लाई करते हैं।
इन पांच चीजों को अंडर आई एरिया पर भूल से भी ना लगाएं
पूरे चेहरे की अपेक्षा अंडर आई एरिया को अधिक केयर की जरूरत होती है। लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप वहां पर कुछ भी अप्लाई करें।
हालांकि, ऐसा करना एकदम सही नहीं माना जाता है। हार्श इंग्रीडिएंट्स लगाने से आपकी आंखों में जलन हो सकती है और इससे संक्रमण की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए आपको इस एरिया की केयर करते हुए अतिरिक्त सावधान रहने की जरूरत होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही इंग्रीडिएंट्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अंडर आई एरिया में लगाने से बचना चाहिए-
अल्कोहल
आजकल अधिकतर स्किन केयर प्रोडक्ट्स में अल्कोहल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसे अंडर आई एरिया पर इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। दरअसल, अल्कोहल आपकी त्वचा से नमी को सोख लेता है, जिससे आपकी स्किन और भी अधिक रूखी व डिहाइड्रेट हो जाती है। कई बार तो यह आपकी स्किन में जलन भी पैदा कर सकता है।
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सैलिसिलिक एसिड
सैलिसिलिक एसिड को जब चेहरे पर इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में काम कर सकता है। चूंकि, हमारा अंडर आई एरिया बहुत अधिक नाजुक होता है और ऐसे में अगर इसे आंखों के नीचे अप्लाई किया जाता है तो इससे आपको ड्राईनेस व इरिटेशन हो सकती है। इतना ही नहीं, इससे अंडर आई एरिया पर रिंकल्स होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
सिंथेटिक फ्रेगरेंस
यूं तो अलग-अलग प्रोडक्ट्स में हमें फ्रेगरेंस बहुत अच्छी लगती हैं, लेकिन अगर बात अंडर आई एरिया की होती है तो ऐसे में आपको सिंथेटिक फ्रेंगरेस से दूर ही रहना चाहिए। यह एक इरिटेंट होते हैं, जिसके कारण यह इचिनेस या रेडनेस की वजह बन सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर लैश लाइन और पलकों के करीब लगाया जाए तो आंखों में जलन भी हो सकती है।
पैराबेन
पैराबेन एक टॉक्सिक इंग्रीडिएंट है, जो अधिकतर वाटर बेस्ड स्किन केयर प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। यह एक प्रिजर्वेटिव्स की तरह काम करता है और इसका मुख्य उद्देश्य उस प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ को बढ़ाना होता है। हालांकि, आंखों के आस-पास के एरिया में पैराबेंस वाले प्रोडक्ट्स का उपयोग करना अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि इससे सूजन हो सकती है। साथ ही साथ, रेडनेस, इचिनेस यहां तक कि सीरियस आई इंफेक्शन होने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है।
रेटिनॉल
रेटिनॉल एक बेहद ही पॉपुलर इंग्रीडिएंट है, जो कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम्स में पाया जाता है। हालांकि, आंखों के ठीक नीचे लगाना उतना अच्छा विचार नहीं है। दरअसल, यह आपकी स्किन को अधिक सेंसेटिव बना सकता है और साथ ही साथ अत्यधिक सूखापन पैदा कर सकता है। चूंकि हमारा आई एरिया बेहद नाजुक है, इसलिए इसके लिए रेटिनॉल के सबसे माइल्ड रूप का उपयोग करना सबसे अच्छा है। आप इसे भूल से भी लैशलाइन के करीब ना लगाएं।
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तो अब आप भी अपने अंडर आई एरिया की केयर थोड़ा अधिक सावधानी के साथ करें और किसी भी तरह के इंफेक्शन या बैड इफेक्ट से उसे बचाएं।
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