
29 अक्टूबर 2025 का पंचांग कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और बुधवार का दिन दर्शाता है जो सुबह 09:23 बजे तक रहेगा। फिर उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। आज के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का योग बन रहा है जो शाम 05:29 बजे तक रहेगा और फिर उसके बाद श्रवण नक्षत्र शुरू होगा। आज के दिन चंद्रमा मकर राशि में संचार करेंगे। इस तिथि पर किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले राहुकाल का समय ध्यान में रखना जरूरी है क्योंकि यह समय अशुभ माना जाता है। आज के दिन गौ दान करना श्रेष्ठ रहेगा या फिर गौ की पूजा करना उत्तम रहेगा। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| कार्तिक शुक्ल सप्तमी (सुबह 09:23 बजे तक)/अष्टमी | उत्तराषाढ़ा | बुधवार | धृति | वणिज |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:30 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:37 बजे |
| चंद्रोदय | दोपहर 01:03 बजे |
| चंद्रास्त | रात्रि 11:40 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:48 बजे से 05:39 बजे तक |
| प्रातः संध्या | सुबह 05:14 बजे से 06:31 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | नहीं है |
| अमृत काल | सुबह 10:38 बजे से दोपहर 12:21 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:56 बजे से दोपहर 02:40 बजे तक |
| गोधूलि मुहूर्त | शाम 05:38 बजे से शाम 06:04 बजे तक |
| निशिता मुहूर्त | रात 11:39 बजे से देर रात 12:31 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 12:04 बजे से 01:27 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:04 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 07:54 बजे से 09:17 बजे तक |

29 अक्टूबर 2025, बुधवार के दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि सुबह 09:23 बजे तक रहेगी जिसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। धार्मिक दृष्टि से यह दिन अष्टाह्निका विधान की शुरुआत का प्रतीक है जिसे जैन धर्म में विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हालांकि कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि के उदय होने के कारण गोपाष्टमी का मुख्य पर्व अगले दिन 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा, लेकिन 29 अक्टूबर को अष्टमी तिथि शुरू होने के कारण यह दिन भी धार्मिक कार्यों और दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है।
29 अक्टूबर 2025, बुधवार का दिन होने के कारण आपको भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए, जिसके लिए स्नान के बाद उन्हें दूर्वा घास और लड्डू अर्पित कर सकते हैं, इससे आपके काम सफल होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह दिन शुक्ल पक्ष की सप्तमी के बाद अष्टमी तिथि होने और गोपाष्टमी का आरंभ होने के कारण धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ है, इसलिए इस दिन दान-पुण्य करना और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना भी सौभाग्य और खुशहाली लाता है।
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