बच्चों के वैक्सीनेशन से लेकर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए अक्सर उन्हें इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ती है। लेकिन यह देखने में आता है कि अधिकतर बच्चे इंजेक्शन से डरते हैं और सुई का नाम सुनते ही वह रोना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं, वह इंजेक्शन भी लगवाते हैं और अगर उनके साथ जबरदस्ती की जाए तो वह काफी शोर मचाते हैं, जिससे सुई के टूटने या फिर गलत तरह से लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि सबसे पहले बच्चे को रिलैक्स किया जाना चाहिए और उनका डर निकालने के बाद ही इंजेक्शन दिया जाना चाहिए।
हालांकि, अधिकतर पैरेंट्स को इस बात की जानकारी ही नहीं होती है कि वह बच्चे के मन से इंजेक्शन के डर को किस तरह निकालें। ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। तो चलिए दिल्ली के सरोज अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. के के गुप्ता आपको बच्चों के मन से इंजेक्शन के डर को निकालने के कुछ आसान उपायों के बारे में बता रहे हैं-
करें काउंसिलिंग
बच्चे के मन से इंजेक्शन का डर निकालने के लिए उसकी काउंसिलिंग करना बेहद आवश्यक होता है। ऐसा पैरेंट्स और डॉक्टर दोनों कर सकते हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि बच्चा इंजेक्शन से डर रहा है तो उसे सीधे ही कभी भी इंजेक्शन ना लगाएं। इससे ना केवल बच्चे को अधिक डर लगेगा, बल्कि जब वह तेजी से हिलेगा तो उसे चोट लगने की संभावना भी अधिक होगी। इसलिए पहले आप बच्चे को बेहद ही प्यार से समझाएं और जब वह थोड़ा रिलैक्स हो, तभी उसे इंजेक्शन लगाएं।(बच्चों को अवश्य खिलाएं ये फूड्स)
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भटकाएं ध्यान
इंजेक्शन का डर निकालने का एक तरीका यह भी है कि बच्चे का ध्यान भटकाया जाए। इसके लिए बच्चे को बातों में लगाया जा सकता है या फिर उसे कुछ समय के लिए मोबाइल दे दें। जब उसका ध्यान कहीं और होगा, तो उसे इंजेक्शन से डर भी कम लगेगा और वह उसे बेहद आसानी से लगवा लेगा। इतना ही नहीं, आराम से इंजेक्शन लगवाने पर उसे अपेक्षाकृत दर्द भी कम होगा।(अस्थमा पीड़ित बच्चें की देखभाल का तरीका)
स्प्रे का सहारा
यह एक आसान तरीका है, जिससे बच्चों को इंजेक्शन से काफी कम दर्द होता है। जब उन्हें दर्द कम होता है, तो खुद ब खुद उनका डर भी खत्म हो जाता है। अगर आपका बच्चा उनमें से है, जिसे बहुत इंजेक्शन से बहुत अधिक डर लगता है तो आप डॉक्टर से इंजेक्शन से पहले स्प्रे लगाने के लिए कह सकती हैं। यह स्प्रे एक ट्रॉपिकल एनस्थीसिया की तरह काम करता है, जिससे बच्चे को काफी हद तक सुन्न जैसा लगता है और इंजेक्शन का दर्द काफी कम हो जाता है। इस तरह बच्चे इंजेक्शन या सुई से डरना छोड़ देते हैं। (बच्चों में कैंसर से जुड़े ये फैक्ट्स)
हेल्थ पर करें फोकस
अगर बच्चा अभी भी इंजेक्शन से डर रहा है तो यह आवश्यक है कि आप उन्हें इंजेक्शन लगने पर मिलने वाले फायदों के बारे में बताएं। अपने बच्चे को याद दिलाएं कि वैक्सीनेशन उन्हें बीमार होने से बचाने में मदद करता है। वहीं, अगर वह पहले से बीमार हैं तो उन्हें समझाएं कि इंजेक्शन के जरिए उन्हें जल्द रिकवर होने में मदद मिलेगी। इस दौरान खुद को भी कूल डाउन रखने का प्रयास करें ताकि बच्चा आपको देखकर घबराए नहीं।
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अब आप भी इन टिप्स को अपनाकर बच्चे के मन से इंजेक्शन का डर निकालें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- freepik
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