पीसीओएस ये नाम अब कुछ ऐसा होता जा रहा है कि हर तीसरी लड़की इससे ग्रसित पाई जा रही है। अब इसे लाइफस्टाइल की समस्या कह लीजिए या फिर हेरेडिटी की समस्या, लेकिन जिस तरह से ये बीमारी महिलाओं को परेशान कर रही है वो आंकड़ा परेशान करने वाला है। पीसीओएस और पीसीओडी अब कॉमन माना जाने लगा है, लेकिन इतनी बड़ी तादाद में इस बीमारी के शिकार होने के बाद भी इसके बारे में जागरूकता कम है।
एक लड़की जिसे टीनएज से ही ये समस्या हो गई है उसे भी इसके बारे में जानकारी नहीं होती है और यही कारण है कि ये समस्या एक बीमारी की शक्ल ले लेती है। ऑब्सटेट्रिशियन-गायनेकोलॉजिस्ट (OBGYN), इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर तनुश्री पांडे पडगांवकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी बातें शेयर की हैं।
उन्होंने एक रील के जरिए ये बताया है कि पीसीओएस की समस्या के साथ किन चीज़ों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
1. खुद को ब्लेम ना करें
पीसीओएस के मरीजों के साथ एक बात जरूर देखी गई है कि वो खुद को ही ब्लेम करने लगते हैं। आपके या मेरे सर्कल में भी ऐसी लड़कियां होंगी जो इस बीमारी की गलती खुद को, अपने वजन को या कभी-कभी तो अपने लुक्स को भी देने लगती हैं। सेल्फ ब्लेम करना खराब है क्योंकि आपकी शारीरिक हेल्थ के साथ-साथ आपका मानसिक स्वास्थ्य भी इसके कारण खराब हो जाता है। (महिलाओं में इसलिए बढ़ता है लाइफस्टाइल डिजीज का खतरा)
किसी भी चीज़ के लिए खुद को ब्लेम करना गलत है। अगर कोई बीमारी हो भी गई है तो वो डॉक्टर की सलाह और थोड़े से ध्यान से ठीक की जा सकती है। हां, अगर आप स्मोकिंग या फिर ड्रिंकिंग करती हैं तो उसे बिल्कुल छोड़ दें।
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2. डॉक्टर को दिखाएं खुद डॉक्टर ना बनें
गूगल देवता सब कुछ बता देते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप डॉक्टर की सलाह ना मानें और खुद ही डॉक्टर बन जाएं। पीसीओएस जैसी कोई बीमारी हो गई है तो ये जरूरी है कि आप डॉक्टर को दिखाएं और अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से सही दवा चुनें। ये भी हो सकता है कि इसके लिए कोई दवा ना दी जाए और सिर्फ लाइफस्टाइल के बदलाव से ही काम हो जाए।
3. आलस बिल्कुल छोड़ दें
पीसीओएस जैसी स्थिति में वजन बहुत फ्लकचुएट करता है और इसलिए ये जरूरी है कि आप एक्सरसाइज करें। अगर आप सही से एक्सरसाइज नहीं करेंगी तो शरीर में अन्य बीमारियां भी घर कर सकती हैं। इसलिए आलस छोड़िए और किसी ना किसी तरह की एक्सरसाइज जरूर करिए।
भले ही दिन में 30 मिनट हो, लेकिन एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। अगर आप जिम नहीं जा सकतीं तो ना जाएं, लेकिन फिजिकल फिटनेस के लिए वॉक करना, रनिंग करना आदि कुछ तो करें।
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4. स्ट्रेस ईटिंग बिल्कुल ना करें
अगर आपको पीसीओएस है तो हो सकता है कि आपने भी स्ट्रेस ईटिंग शुरू कर दी हो। वैसे भी हार्मोनल फ्लक्चुएशन के कारण बहुत ज्यादा स्ट्रेस ईटिंग हो जाती है, लेकिन इसके कारण पीसीओएस की समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। स्ट्रेस ईटिंग बिल्कुल ना करें क्योंकि इससे आपके शरीर में अन्य समस्याएं जैसे कोलेस्ट्रॉल, शुगर, बीपी आदि भी हो सकती हैं। फास्ट फूड और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले फूड्स से बिल्कुल दूर रहें।
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5. दवा बीच में ना रोकें
हो सकता है कि आपकी पीसीओएस की कंडीशन ऐसी हो कि आपको दवा की जरूरत पड़े। ऐसे में अगर आप दवा छोड़ देंगी तो ये आपकी स्थिति को और खराब ही कर सकता है। पीसीओएस की समस्या से बचने के लिए आपको दवा सही समय पर सही खानपान के साथ लेने की जरूरत है। ये भी जरूरी है कि आप अपनी दवा को उतने समय तक कंटिन्यू करें जितने समय तक डॉक्टर ने कहा है।
पीसीओएस और पीसीओडी बहुत ही कॉमन जरूर है, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि इसे नजरअंदाज करना चाहिए। अगर आपके शरीर में कोई दिक्कत हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या आपको भी पीसीओएस या ऐसी ही कोई समस्या है? अपना जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपनी स्टोरीज के जरिए आपकी समस्या का हल निकालने की कोशिश करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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