छोटे बच्चे बेहद ही नाजुक होते हैं और वह बोलकर अपनी समस्या नहीं बता सकते हैं, जिसके कारण पैरेंट्स को उनका अतिरिक्त ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि, कई बार यह भी देखने में आता है कि बेबी का पर्याप्त ख्याल रखने के बाद भी उसे कुछ समस्याएं हो जाती हैं। इन्हीं में से एक है कान का संक्रमण। शिशुओं और बच्चों में कान का संक्रमण बेहद आम है। अधिकतर मामलों में, यह संक्रमण खुद ब खुद ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में शिशु को विशेषज्ञ को दिखाने की आवश्यकता पड़ती है।
हालांकि, आप शिशु को चिकित्सक के पास तभी लेकर जाते हैं, जब आपको यह पता हो कि वास्तव में बच्चे को क्या समस्या है। कई बार बच्चे को कान का संक्रमण हो जाता है और उसे काफी दर्द होता है, जिससे वह असहज महसूस करता है। लेकिन पैरेंट्स को कुछ समझ ही नहीं आता, क्योंकि उन्हें बेबी में इयर इंफेक्शन के लक्षणों की कोई जानकारी ही
नहीं होती है। तो चलिए आज इस लेख में दिल्ली के सरोज अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. के के गुप्ता आपको बेबी में इयर इंफेक्शन होने पर नजर आने वाले कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं-
क्यों होता है कान का संक्रमण
बच्चे में होने वाले कान के संक्रमण के लक्षणों के बारे में जानने से पहले हम इसके कारणों पर चर्चा करेंगे। इसकी सबसे मुख्य वजह उनका कमजोर इम्युन सिस्टम होता है। कान में संक्रमण बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है। कान में संक्रमण अक्सर सर्दी या अन्य श्वसन संक्रमण के बाद शुरू हो जाता है। बैक्टीरिया या वायरस यूस्टेशियन ट्यूब जो प्रत्येक कान में एक होता है, के माध्यम से मध्य कान में जाते हैं। यह ट्यूब मध्य कान को गले के पिछले हिस्से से जोड़ती है।
बैक्टीरिया या वायरस यूस्टेशियन ट्यूब में सूजन पैदा कर सकते हैं। यह सूजन ट्यूब के ब्लॉक होने का कारण बन सकती है, जिससे ईयरड्रम के पीछे द्रव का निर्माण होता है। चूंकि, उनकी यूस्टेशियन ट्यूब छोटी और अधिक क्षैतिज होती हैं, जिससे कान से तरल पदार्थ बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह द्रव लंबे समय तक मध्य कान में फंसा रहता है। ऐसे में मध्य कान के कुछ हिस्से संक्रमित और सूज जाते हैं।
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कान में दर्द होना
कान में संक्रमण होने पर यह नजर आने वाला सबसे आम लक्षण है। चूंकि छोटे बच्चे बोलकर अपनी बात नहीं बता पाते हैं, इसलिए, उनमें अपने कान को रगड़ना या खींचना, सामान्य से अधिक रोना, उधम मचाना या चिड़चिड़ा होना जैसे लक्षण नजर आते हैं।
सोने में समस्या होना
कान में संक्रमण होने पर बच्चे को काफी दर्द होता है और लेटते समय कान का दबाव बढ़ सकता है। जिसके कारण बेबी को सोने में परेशानी होती है। रात भर रोना और नींद न आना कान में दर्द का लक्षण हो सकता है।
भूख में कमी आना
कान का संक्रमण आपके बच्चे की नॉर्मल डाइट को डिस्टर्ब कर सकता है। दरअसल, कान में संक्रमण होने पर बच्चे को दूध पीने के दौरान या फिर कुछ भी खाते समय परेशानी होती है। दरअसल, निगलने पर बच्चे के मध्य कान में दबाव बढ़ जाता है, जिससे दर्द अधिक होता है और उनकी कुछ भी खाने या पीने की इच्छा कम होती है।
अजीब सी स्मेल आना
शिशु के कान में संक्रमण होने पर संक्रमित क्षेत्र से दुर्गंध आ सकती है। यह आपके लिए सबसे बड़ा संकेत होना चाहिए कि कुछ सही नहीं है।
कान से तरल पदार्थ निकलना
आपके बच्चे के कान से निकलने वाला सफेद या पीला तरल पदार्थ एक गंभीर संक्रमण का संकेत है। अगर आपके बच्चे के कान से तरल पदार्थ निकल रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
बुखार होना
कान के संक्रमण से तापमान 100°F (38C) से 104°F तक हो सकता है। कुछ बच्चों को कान के संक्रमण के साथ बुखार की शिकायत भी होती है।
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तो अब अगर आपको भी अपने शिशु में यह लक्षण नजर आएं तो उन्हें तुरंत किसी चिकित्सक को दिखाएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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