शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने की वजह जानें


Megha Jain
2022-12-29,13:47 IST
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    हर भगवान की परिक्रमा कुछ नियम और मंत्रों के साथ की जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग की परिक्रमा के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है। शिवलिंग की परिक्रमा कभी भी पूरी नहीं की जाती है। चलिए, आज जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा से जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है -

एक्सपर्ट की राय

    एक्सपर्ट प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि शिवलिंग की जलहरी माता पार्वती का स्वरूप है। इसलिए, जलहरी को लांघने से शारीरिक रोग हो सकते हैं।

शिवलिंग की परिक्रमा ऐसे करें

    शिवलिंग की परिक्रमा बाईं ओर से शुरू करके जलहारी तक जाकर वापस लौटकर दूसरी ओर से करें। इसे शिवलिंग की आधी परिक्रमा भी कहा जाता है।

इस दिशा से न करें परिक्रमा

    शुरू शिवलिंग की परिक्रमा कभी भी दाईं तरफ से शुरू नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने के दौरान दिशा का ध्यान रखना जरूरी होता है।

क्यों न लांघे जलहरी?

    शिवलिंग की जलहरी को लांघना नहीं चाहिए। इससे पाप लगता है। इसे लांघने से कई तरह की शारीरिक परेशानियां सता सकती हैं।

पूरी परिक्रमा न करें

    शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करने से शरीर पर पांच तरह के विपरीत प्रभाव पड़ते हैं। इसी वजह से शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

शिवलिंग की परिक्रमा का महत्व

    शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने का धार्मिक कारण ये है कि शिवलिंग को शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

क्यों चढ़ाया जाता है जल?

    शिवलिंग की तासीर को गर्म माना जाता है और इसे ठंडक प्रदान करने के लिए जलधारा से शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है।

    अगर आप भी भगवान शिव की रोजाना पूजा करते हैं तो, शिवलिंग से जुड़ी इन बातों को जरूर जान लें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com