जानें शादी में क्यों चुराए जाते हैं दुल्हे के जूते?


Yashasvi Yadav
2023-02-18,16:04 IST
www.herzindagi.com

    शादियों में एक से बढ़कर एक रस्म निभाई जाती है। एक रस्म होती है जिसमें दुल्हें के जूतों को लड़की वाले चुराते हैं और उनके अनुसार मांगी गई चीज़ को देने के बाद ही दुल्हे को पैसे मिलते हैं। लेकिन यह रस्म क्यों होती है आइए जानते हैं।

शादी की रस्में

    हर देश में शादी अलग तरीके से की जाती है। शादी में कई रस्में होती हैं जैसे हल्दी, संगीत, मेहंदी, गृह प्रवेश आदि। इन रस्मों में से एक रस्म जूते चुराने की भी होती है। जूते चुराने की बहुत खास मानी जाती है और इसे एक महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है।

जूते चुराने की रस्म

    शादी में दूल्हे के जूते चुराने की रस्म दुल्हन के घर वाले निभाते हैं। जब दूल्हा मंडप में जूते निकाल कर बैठता है, तब दुल्हन की बहनें उस जूते को चुराने की कोशिश करती हैं और इधर दूल्हे के भाई और दोस्त वह जूते को बचाने की कोशिश करते हैं। जूता चुराने की रस्म में दूल्हा सालियों को शगुन देने के बाद ही उस जूते को वापस ले पाता है।

क्यों चुराए जाते हैं जूते?

    जूते चुराने की रस्म के पीछे अलग-अलग कारण बताए जाते हैं। कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के जूते उसके बारे में बहुत कुछ बता देते हैं। ऐसे में दुल्हन की बहन जूते चुराकर ही अपने जीजा जी का टेस्ट लेती हैं। देखना यह होता है कि दूल्हा कितनी समझदारी के साथ अपने जूते वापस लेता है।

माहौल होता है खुशनुमा

    फेरों के बाद सभी विदाई को लेकर भावुक होते हैं। ऐसे में दूल्हे के जूते चुराने की रस्म से सारा माहौल खुशनुमा हो जाता है और सभी खिलखिला उठते हैं। इस रस्म के दौरान लड़के और लड़की वालों के बीच में 2 टीम बंट जाती है और खूब हंसी-मजाक चलता है।

रिश्तों होते हैं बेहतर

    इस रस्म के दौरान दोनों परिवारों के बीच बातचीत होती है जिससे रिश्ते बेहतर होते हैं। दोनों परिवार के लोग आपस में एक दूसरे से बात करते हैं जिससे आगे के लिए भी उनकी पहचान हो जाती है। इससे साफ हो जाता है कि भारत में शादी के दौरान होने वाली अन्य रस्मों की तरह जूते चुराई की रस्म के पीछे भी कुछ विशेष कारण है।

कब से चल रही रस्म

    कई पीढ़ियों से शादियों में जूता चुराने की रस्म चलती आ रही है। सभी इस रस्म को लेकर पहले से ही खूब तैयारियों में जुट जाते हैं और इसके साथ ही इस रस्म का खूब आनंद लेते हैं। कुछ हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह रस्म रामायण काल के समय भी हुई थी।

किन राज्यों में होती है यह रस्म?

    यह रस्म भारत के कई सारे राज्यों में होती है। मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, राज्यस्थान, पंजाब के कई क्षेत्रों में होती है। इस रस्म को लोग अलग-अलग तरह से भी मनाते हैं।

    तो ये था जूते चुराई की रस्म के पीछे का कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।