वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट कैसा होना चाहिए और कौन सा कमरा किस स्थान पर होना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें ये वास्तु टिप्स।
ड्राइंग रूम
वास्तु के हिसाब से इस कमरे को नॉथ्र-वेस्ट, साउथ या फिर वेस्ट दिशा में होना चाहिए।
वास्तु के आधार पर फर्नीचर जैसे भारी सामान को रखने के लिए साउथ-वेस्ट दिशा को सबसे अच्छा माना गया है।
अगर आप अपने ड्राइंग रूम में फर्नीचर रख रहे हैं तो इस दिशा का विशेष ध्यान रखें।
बेडरूम
बेस्ट होगा कि आपका मास्टर बेडरूम घर के साउथ-वेस्ट कॉर्नर में हो।
अगर आपका घर एक मंजिल से ज्यादा का है तो मास्टर बेडरूम को घर की सबसे ऊपर वाली मंजिल में होना चाहिए।
मास्टर बेडरूम की छत एक सामान्य लेवल की बनी होनी चाहिए इससे कमरे में रहने वाले लोगों का दिमाग भी शांत और स्थिर रहता है।
वॉशरूम
वॉशरूम को घर के नॉर्थ-वेस्ट या साउथ-वेस्ट दिशा में ही होना चाहिए ।
वॉशरूम कभी भी नॉर्थ-ईस्ट दिशा में नहीं होना चाहिए।
नॉर्थ-ईस्ट दिशा को केवल पार्किंग एरिया के लिए ही रखना चाहिए।
किड्स रूम
बच्चों का कमरा हमेशा ही नॉर्थ-वेस्ट दिशा में होना चाहिए।
बच्चों के कमरे में हल्के रंगों से दीवारों को पेंट कराना चाहिए।
बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल को इस तरह से रखना चाहिए कि बच्चा जब भी पढ़ने के लिए स्टडी टेबल पर बैठे तो उसका मुंह ईस्ट दिशा में हो, इससे पढ़ाई में उसका ज्यादा मन लगेगा।
किचन
वास्तु शास्त्र के आधार पर रसोई को हमेशा घर के साउथ-वेस्ट दिशा में होना चाहिए।
जब रसोई में कोई खाना बना रहा हो तो उसका चेहरा ईस्ट दिशा में होना चाहिए।
रसोई के कूड़े को हमेशा कवर करके किचन के साउथ-वेस्ट कॉर्नर में रखना चाहिए।
रसोई में खाने-पीने का सारा सामान आपको साउथ दिशा में रखना चाहिए, इससे सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
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