जानें सोलह श्रृंगार का महत्व
Hema Pant
2023-02-16,15:46 IST
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सोलह श्रृंगार दुल्हनों के लिए बेहद खास होता है। माना जाता है कि इसके बगैर दुल्हन का श्रृंगार अधूरा होता है। हिंदू धर्म में सोलह श्रृंगार का महत्व बेहद अधिक है। खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ इसका धार्मिक महत्व भी है। चलिए जानते हैं क्यों किया जाता है सोलह श्रृंगार।
सिंदूर और कुमकुम का महत्व
सिंदूर को सुहाग की निशानी के तौर पर देखा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं। पहले के समय में बिंदी नहीं होती थी, इसकी जगह महिलाएं कुमकुम का इस्तेमाल करती थीं। कुमकुम को शुभ माना जाता है क्योंकि यह शुभ माना जाता है।
काजल और मेहंदी की खासियत
काजल सोलह श्रृंगार में शामिल है। माना जाता है कि इसे लगाने से बुरी नजर से बचा जा सकता है। मेंहदी लगाने से दुल्हा-दुल्हन के बीच प्यार बढ़ता है। इसलिए मेहंदी रस्म भी की जाती है।
लंहगा और मंगलसूत्र क्यों है जरूरी
लाल रंग शुभ माना जाता है। इसलिए दुल्हन के लिए लाल रंग का ही जोड़ा खरीदा जाता है। साथ ही लाल रंग को शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है। मंगलसूत्र में मौजूद काले धागे विवाहित महिलाओं को बुरी नजर से बचाते हैं। इसलिए मंगलसूत्र के बिना किसी भी महिला का सोलह श्रृंगार अधूरा है।
नथ और मांगटीका
सोलह श्रृंगार में नथ भी शामिल है। इसलिए शादी के बाद दुल्हनें हर तीज-त्यौहार पर नथ पहनती हैं। मांग टीका उस जगह पर पहना जाना है, जो 'आत्मा की शक्ति' का प्रतिनिधित्व करता है। जिस तरह यह जगह तीसरी आंख से संबंधित है, जिससे दुल्हन को एकाग्रता का एहसास होता है।
गजरा और झुमके
मां दुर्गा को मोगरे का गजरा बहुत प्रिय है,जिसके कारण इसे सोलह श्रृंगार में शामिल किया गया है। इसलिए शादीशुदा महिलाएं बालों में गजरा लगाती हैं। मान्यता के अनुसार, नई-नवेली दुल्हन को कानों में झुमके इसलिए पहनाए जाते हैं ताकि उन्हें पति या ससुरालवालों की बुराई करने वालों से दूर रखा जा सके।
चूड़ियां और कमरबंद
महिलाएं शादी के बाद लाल और हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। दोनों रंग का खास महत्व है। हरी चूड़ियां सुख-समृद्धि का सकेंत है। वही लाल रंग खुशी और संतुष्टी का प्रतीक है। नवविवाहित महिलायें कमरबंद इसलिए पहनती हैं क्योंकि ये इस बात को दर्शाता है कि वह अब अपने घर की मालकिन हैं।
बिछिया और पायल
हर नवविवाहिता के लिए पायल पहनना शुभ माना जाता है, जिसकी वजह से हर दुल्हन पैरों में पायल जरूर पहनती है। बिछिया को माता-सीता से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए शादी के बाद पैरों में बिछिया और पायल पहनी जाती है।
इसलिए खास होता है दुल्हनों के लिए सोलह श्रृंगार। स्टोरी अच्छी लगी हो तो कमेंट और शेयर करें। ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें herzindagi.com से।