ऑनलाइन फ्रॉड से ऐसे बचें
Bhagya Shri Singh
www.herzindagi.com
ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने पर इस हेल्पलाइन पर कॉल करें और ये स्टेप्स फॉलो करें।
बैंक को दें जानकारी
ऑनलाइन फ्रॉड की डिटेल्स तुरंत बैंक से शेयर करें। इससे जुड़े सारे डॉक्युमेंट्स, मैसेज, ईमेल आदि सेव करके रखें।
पुलिस स्टेशन जाएं
अगर स्पैम के जरिए कोई ऑनलाइन फ्रॉड करना चाह रहा है तो इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में लिखवाएं।
ये चीजें ना शेयर करें
भूलकर भी किसी विश्वासपात्र से भी अपना ओटीपी, लिंक, पासवर्ड आदि शेयर न करें। इससे ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा ज्यादा रहता है।
नेशनल हेल्पलाइन रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म
अगर आप ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो तत्काल 155260 पर कॉल करें। इससे आपको काफी हेल्प मिल जाएगी।
हेल्पलाइन कैसे करती है काम? स्टेप 1
155260 पर कॉल कर राज्य संबंधी सारा जानकारी साझा करें। राज्य के मुताबिक ही आपकी डिटेल ली जाएगी।
स्टेप 2
ऑपरेटर आपके साथ हुई धोखाधड़ी का विवरण लेगा और कॉलर की बेसिक जानकारी मांगेगा।
स्टेप 3
इसके बाद आपकी जानकारी साइबर क्राइम रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट के पास भेजी जाएगी। फिर ये डाटा बैंक, वॉलेट, मर्चेंट तक पहुंचाया जाएगा।
स्टेप 4
शिकायत की डिटेल्स और नंबर SMS द्वारा शिकायतकर्ता के पास जाएगी। 24 घंचे के अंदर इसी शिकायत नंबर से पूरी जानकारी डिटेल में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में जमा होती है।
स्टेप 5
इसके बाद संबंधित बैंक, वॉलेट आदि इसी नंबर से अपने इंटरनल सिस्टम में जांच-पड़ताल करेगा।
स्टेप 6
इसके बाद अगर फ्रॉड का पैरा ट्रांसफर नहीं हुआ है तो बैंक से उसे रोक दिया जाता है और बैंक उसे रिवर्स कर देता है जहां से पैसा आया है।
स्टेप 7
अगर ये दूसरे बैंक में चला गया है तो आपका बैंक दूसरे बैंक के पास रिक्वेस्ट भेजेगा कि वो वापस ट्रांजैक्शन रिवर्स करे।
स्टेप 8
अगर कैश विड्रा हुआ है तो ट्रांजैक्शन रिवर्स होने की संभावना काफी ज्यादा होती है, लेकिन अगर कैश निकाल लिया गया है तो रिकवरी मुश्किल होती है।
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