शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन क्यों पहनाते हैं अंगूठी, जानें?
Megha Jain
2023-01-28,11:41 IST
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शादी रस्मों के बिना अधूरी है। जिस तरह शादी से पहले हल्दी, मेहंदी होती है। उसी तरह से एक एंगेजमेंट की भी रस्म होती है जिसके बिना हिंदू शादी अधूरी मानी जाती है। क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि सगाई की अंगूठी केवल इंडेक्स फिंगर में ही क्यों पहनाते हैं? शायद नहीं किया हो लेकिन, इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं हैं जो हमें हमारे एक्सपर्ट एस्ट्रोलोजर आचार्य संतोष तिवारी जी बताएंगे -
रिंग फिंगर में क्यों पहनाते हैं?
रिंग फिंगर की एक नस हमारे दिल से जुड़ी होती है। इसी वजह से सगाई की अंगूठी को रिंग फिंगर में ही पहनाया जाता है।
अंगूठी पहनाने की यहां से हुई शुरुआत
एंथ्रोपोलॉजिस्ट की मानें तो रस्मों-रिवाज के अनुसार, पहले के समय में पत्नी छोटी चाबी से जुड़ी अंगूठी पहनती थी जो स्वामित्व का संकेत देती थी।
गोल क्यों होती है अंगूठी?
गोल आकार का न कोई अंत होता है और न ही आरंभ। शादीशुदा रिश्ते को अनंत तक बनाए रखने के लिए अंगूठी का आकार गोल रखा जाता है।
प्रेम का प्रतीक
सगाई की अंगूठी पति-पत्नी के बीच प्यार, शादी के रिश्ते को निभाने, अपने साथी के प्रति समर्पण प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसलिए, इसकी महत्वतता अधिक बढ़ जाती है।
अंगूठी है सोलह श्रृंगार का हिस्सा
सोलह श्रृंगार में बिंदी से पैर की बिछिया तक सब कुछ आता है। अंगूठी पति-पत्नी के बीच प्यार के संबंध को बनाएं रखती है। इसलिए, इसे हमेशा पहनकर रखनी चाहिए।
ग्रह से जुड़ी मान्यता
इंडेक्स फिंगर में सगाई की अंगूठी पहनने का संबंध ग्रह से है। अनामिक ग्रह सूर्य से संबंधित होता है जो कि सफलता और शक्ति का ग्रह माना जाता है।
हीरे की अंगूठी का महत्व
जिस तरह से हीरा क्लियर होता है, उससे आर-पार सब कुछ दिखता है। उसी तरह से हीरे की अंगूठी का अर्थ रिश्ते की पार्दर्शिता, सच्चाई और वफादारी से संबंधित है।
अगर आप भी सगाई से जुड़ी इन मान्याओं को नहीं जानते तो, आज ही जान लें। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें herzindagi.com