एडल्ट मूवी कैसे आपके दिमाग और शरीर पर करती है असर?
Manisha Verma
2023-03-17,11:41 IST
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पोर्नोग्राफी का असर हमारे दिमाग और हमारे शरीर पर किस तरह से होता है ये एक रिपोर्ट ने साफ किया है। जो आप सोच रही हैं इसका असर वैसा नहीं होता।
एडल्ट कंटेंट देखना नही है सही
बार-बार एडल्ट कंटेंट देखने से, दिमाग का वह हिस्सा जो निर्णय लेने और इच्छाशक्ति के लिए जिम्मेदार होता है, वह असल में सिकुड़ने लगता है. आगे जानेंगे कि इस बारे में विज्ञान और क्या कहता है।
दिमाग पर छोड़ता है बुरा असर
यौन संबंध बनाते समय या एडल्ट कंटेंट देखते समय, दिमाग के उस हिस्से में डोपामाइन रिलीज़ होता है, जो भावनाओं और सीखने के लिए जिम्मेदार होता है। इससे व्यक्ति का फोकस शार्प होता है। तलब की भावना पैदा होती है. जैसे- 'मुझे बस यही चाहिए' इस तरह का आनंद मिलता है।
पोर्नोग्राफी दिमाग के लिए नही है सही
Neurosciencenews में पब्लिश एक रिसर्च बताती है कि अब साइंस पोर्न के न्यूरोलॉजिकल महत्व को समझने लगी है। ये रिसर्च बताती है कि पोर्नोग्राफी का असर असल मायने में दिमाग पर पड़ता है।
पोर्नोग्राफी देखने पर दिमाग काफी अलग तरीके से करता है रिएक्ट
पोर्नोग्राफी इसे देखने पर दिमाग काफी अलग तरह से रिएक्ट करता है और ये ऐसा लगता है जैसे शरीर में कोई शक्कर वाला स्नैक अंदर गया हो। ये बिल्कुल किसी क्रेविंग की तरह ही असर करता है। दिमाग में एक ऑफ स्विच होता है जो क्रेविंग पूरी होने पर डोपामाइन को रिलीज करना बंद कर देता है।
सेक्सुअल डिस्फंक्शन
लंबे समय तक पोर्नोग्राफी कंज्यूम करने का सबसे पहला असर है सेक्सुअल डिस्फंक्शन। खासतौर पर अपने रियल लाइफ पार्टनर के साथ ऑर्गेज्म पाने में असमर्थता भी हो सकती है।
शादीशुदा जिंदगी में परेशानी
पोर्नोग्राफी एक अलग तरह की इच्छा डेवलप कर सकती है। आप अपने पार्टनर से कुछ ज्यादा अपेक्षा कर सकते हैं और ऐसे में मैरिड लाइफ भी डिस्टर्ब हो सकती है। ये रोमांटिक कमिटमेंट से ज्यादा सेक्सुअल कमिटमेंट की ओर बढ़ सकती है।
एडिक्शन की समस्या
पोर्नोग्राफी के रेगुलर कंजम्पशन से इसके एडिक्शन की आदत भी हो सकती है। इसका एडिक्शन एक तरह की समस्या है जिसके कारण नेचुरल फीलिंग्स खत्म हो सकती हैं।
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