पुलवामा श्रीनगर से 32 किलोमीटर दूर बसा जम्मू-कश्मीर का एक छोटा सा शहर है। यह कश्मीर का सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है। पहले यह 'पुलगाम' या 'पनवंगम' के नाम से जाना जाता था।
# पुलवामा का इतिहास
सोलहवीं शताब्दी में पुलवामा पर मुगलों का शासन था और उन्नीसवीं शताब्दी में अफगानों ने यहां राज किया। चावल के अधिक उत्पादन की वजह से इसे 'राइस बाउल ऑफ कश्मीर' कहा जाता है।
# यहां की मुख्य गतिविधियां
पुलवामा सेब के बगीचे, प्राकृतिक झरने और प्राकृतिक घाटियों से सजा है। यह शहर ट्रेकिंग, स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों के लिए भी फेमस है, जो पर्यटकों को आकर्षण करता है।
# पायेर मंदिर
पुलवामा से 3 किलोमीटर दक्षिण में स्थित यह मंदिर सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है, इसे पेटेक मंदिर भी कहा जाता है। 10वीं शताब्दी में इसे एक एकल पत्थर से तराशा गया था।
# अहरबल झरना
यह झरना पीर पंजाल पहाड़ों में घने देवदार पेड़ो की घाटी से पच्चीस मीटर नीचे गिरने वाली विशभ नदी की धारा है। पर्यटक यहां फ्लाई फिशिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों का आंनद लेते है।
# अवंतीश्वर मंदिर
सबसे ऐतिहासिक तीर्थ स्थानों में से एक यह मंदिर पुलवामा जिले के जौबरी गांव में स्थित है। यह भगवान विष्णु और भगवान शिव का मंदिर है, इसे नौवीं शताब्दी में राजा अवंति वर्मा ने बनवाया था।
# तरस और मानसर झील
नागबरन गांव से लगभग 3 किलोमीटर और 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तरस और मानसर दो झीलें है। मानसर झील दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास है, इन दोनों झीलों को जुड़वां बहन कहा जाता हैं।
# मुगल रोड
पुलवामा की प्राकृतिक खूबसूरती की बात ही निराली है। यहां का ऐतिहासिक मुगल रोड काफी फेमस है। इस रोड पर अहरबल झरना, शिकारगाह, अरीपाल नाग, हुरपुरा और तरस और मानसर झील है।
# जामा मस्जिद शोपियां
पीर पंजाल के पास मुगल रोड पर स्थित जामा मस्जिद मुस्लिम समुदाय वालों के लिए प्रमुख आस्था केन्द्रों में से एक है। इसका निमार्ण मुगल काल के दौरान किया गया था।
# कौसरनाग झील
समुद्र तल से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कौसरनाग झील यहां के सबसे आकर्षक जगहों में से एक है। इस झील की सबसे खास बात यह है कि गर्मियों के मौसम में भी इसमें बर्फ जमी रहती है।
इस तरह के अन्य इंटरेस्टिंग फैक्ट्स जानने के लिए जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए herzindagi.com