वैसे तो बिना दूध की चाय को ब्लैक टी कह लेते हैं, लेकिन ये अलग से बेची जाती है। इसे कैमेलिया साइनेंसिस नाम से जाना जाता है। ये रेग्युलर चाय से अलग होती है
ये तीनों, चाय के पौधों से ही बनती है बस अंतर इनके प्रोसेस में होता है। ब्लैक टी फरमेंटेड होती है जबकि ग्रीन और व्हाइट टी फरमेंट नहीं होती। जानें ब्लैक टी के हेल्थ बेनेफिट्स
ब्लैक टी में कई तरह के एन्जाइम जैसे फ्लेवोनोल्स, थाइफ्लेविंस, ग्लैकिक एसिड आदि होते हैं जो हार्ट के मरीजों के लिए अच्छे होते हैं। इसके अलावा, ये बीपी के लिए भी अच्छी है
कुछ रिसर्च में ये दावा किया गया है कि ब्लैक टी में विशिष्ट एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीफेनोल्स और कैटेचिन, ओवेरियन, प्रोस्टेट और लंग कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं
ब्लैक टी से वेट लॉस भी हो सकता है। ये ट्राइग्लिसराइड और आंत के फैट को कम करती है। इसलिए ये लाभकारी है
ये तनाव को कम करने में भी मदद करती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, चाय शरीर में स्ट्रेस हार्मोन को कम कर सकती है और तंत्रिकाओं को आराम देती है
इस तरह की चाय ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने में मदद करती है। जो लोग प्रति दिन 2 कप ब्लैक टी का सेवन करते हैं, उनमें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना 70% कम होती है
जो 3 कप से अधिक ब्लैक टी का सेवन करते हैं, उन लोगों में स्ट्रोक का 21% कम जोखिम होता है उनकी तुलना में जो प्रतिदिन 1 कप से कम लेते हैं
ब्लैक टी में पॉलीफेनोल और होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचने से और एजिंग होने से रोकते हैं