एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के बारे में जानें
Smriti Kiran
2022-04-18,10:40 IST
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भारत में एक गांव ऐसा है, जो एशिया का सबसे स्वच्छ गांव में गीना जाता है। मेघालय की राजधानी शिलांग में स्थित यह गांव का नाम मावलिन्नांग है।
चमचमाती पक्की सड़कें, साफ गलियां इस जगह को परफेक्ट बनाते हैं तो आइए आज बात करते हैं इस खास गांव की, जो अपने आप में सबसे अलग है-
भगवान का बगीचा
इस गांव की नेचुरल खूबसूरती इतनी शानदार है कि इसे भगवान का बगीचा कहा जाता है। ये गांव कई सालों से स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध है।
पेड़ों की जड़ों से बनाए गए हैं ब्रिज
इस गांव में पेड़ों की जड़ों से ब्रिज बनाए गए हैं। इन ब्रिज की खूबसूरती देखने लायक है। साथ ही यह जगह ट्रेकिंग के लिए भी काफी खास है।
प्लास्टिक का नहीं होता है इस्तेमाल
इस गांव में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस गांव के लोग सामान लाने व ले जाने के लिए कपड़ों से बने थैलों का उपयोग करते हैं।
बांस की बनी चीजों का इस्तेमाल
नेचुरल खूबसूरती से भरे इस गांव के लोग हाथ से बनी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। यहां बांस की बनी हुई डस्टबीन का उपयोग किया जाता है।
साक्षरता में भी आगे
इसे एक आदर्श गांव कह सकते हैं क्योंकि यहां के लोग शिक्षा के महत्व को जानते हैं। यहां के लगभग सारे लोग एजुकेटेड हैं।
कचरा से बनाते हैं खाद
यहां के लोग कचरा को इधर-उधर फेंकने के बजाय एक गड्डे में डालते हैं और उससे पेड़ों के लिए खाद बनाते हैं। फिर इस खाद को पेड़-पौधे लगाने में इस्तेमाल करते हैं।
बच्चों को मिलता है मां का सरनेम
यह गांव महिला सशक्तिकरण की मिसाल को भी पेश करता है। भारत में मौजूद पितृसत्ता समाज, जहां पिता का सरनेम बच्चों को दिया जाता है, वहीं इस गांव में बच्चों को मां का सरनेम दिया जाता है।
पैतृक संपत्ति पर छोटी बेटी का हक
पितृसत्ता समाज में माता-पिता की संपत्ति पर जहां सिर्फ बेटों का हक होता है, वहीं इस गांव में पैतृक संपत्ति को मां के द्वारा घर की सबसे छोटी बेटी को दी जाती है।
इस गांव के खूबसूरत डेस्टिनेशन
यह गांव झरना, ट्रेक, लिविंग रूट ब्रिज, डॉकी नदी के लिए मशहूर है। इस गांव में कई रंग- बिरंगें फूलों के गार्डन भी हैं, जो यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है।
मुख्य भोजन
इस गांव में लोग बहुत सादा खाना खाते हैं। चिकन ,चावल, आलू, हरी सब्जी, दाल, रोटी और चटनी यहां का मुख्य भोजन है। साथ ही यहां के लोग पारंपरिक आदिवासी भोजन भी पसंद करते हैं।
अगर आप नॉर्थ ईस्ट ट्रिप का प्लान कर रहे हैं तो शिलांग का यह गांव देखने जरूर जाएं। यहां की नेचुरल खूबसूरती आपका मन मोह लेगी।
यकीनन इस गांव में कुछ समय बिताकर आपको बहुत सुकून मिलेगा। ट्रैवल से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरें पढ़ने के लिए जुड़े रहें herzindagi.com से।